गुरुग्राम : रिश्वत लेने पर हरियाणा के सरकारी कर्मचारी को चार साल की जेल

गुरुग्राम, 29 अप्रैल . सरकारी कर्मचारी द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए अदालत ने एक पटवारी (राजस्व अधिकारी) को 2023 तक भ्रष्टाचार के एक मामले में चार साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है.

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जगदीप सिंह की अदालत ने सोमवार को सरकारी कर्मचारी संजय कुमार को दोषी करार देते हुए 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.

हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के भूमि अधिग्रहण कार्यालय में तैनात संजय को फरवरी 2023 में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने 8 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था.

एसीबी के एक अधिकारी ने बताया कि पटवारी पर शिकायतकर्ता को अधिग्रहित भूमि के बदले मिले ब्याज के संबंध में रिपोर्ट पेश करने के लिए रिश्वत मांगने का आरोप है.

आरोपी अपने पक्ष में कोई सबूत पेश करने में विफल रहा.

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि पिछले 10 वर्षों से सरकार द्वारा राज्य भर के सभी विभागों में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति लागू की जा रही है.

सीएम ने यह भी दावा किया कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी किसी भी अवैध गतिविधि में लिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

एसीबी को 6 फरवरी 2023 को शिकायत मिली थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि संजय भूमि अधिग्रहण में भुगतान से संबंधित रिकॉर्ड कोर्ट में पेश करने के लिए रिश्वत मांग रहा है.

उसी दिन एसीबी गुरुग्राम थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया था.

एसीबी ने मार्च 2023 में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी.

दो साल की सुनवाई के बाद कोर्ट ने एसीबी की जांच और शिकायतकर्ता के बयान के आधार पर संजय को दोषी करार दिया और उसे सजा सुनाई.

इस बीच, पिछले महीने एक अन्य राजस्व अधिकारी नरेश को पुलिस ने सोहना तहसील कार्यालय से गिरफ्तार किया था.

पुलिस ने नरेश पर भूमि के दस्तावेजों से छेड़छाड़ करने और फर्जी दस्तावेज तैयार करने का आरोप लगाया था.

आरोपी अभी भी जेल में है और मामले की जांच चल रही है.

एससीएच/