New Delhi, 18 सितंबर . Enforcement Directorate (ईडी) के दिल्ली क्षेत्रीय कार्यालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत मेसर्स पीएसीएल लिमिटेड और अन्य के खिलाफ चल रही जांच के दौरान पंचकूला, Haryana में 696.21 करोड़ रुपये की कीमत की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क कर लिया है.
यह कार्रवाई केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से दर्ज एक मामले के आधार पर की गई, जिसमें मेसर्स पीएसीएल लिमिटेड, मेसर्स पीजीएफ लिमिटेड, स्वर्गीय निर्मल सिंह भंगू और अन्य के खिलाफ First Information Report दर्ज की गई थी.
यह मामला पीएसीएल द्वारा शुरू की गई धोखाधड़ी वाली सामूहिक निवेश योजनाओं से जुड़ा है. कंपनी और उसके सहयोगियों ने करीब 48,000 करोड़ रुपये अनजान निवेशकों से जुटाए और उनका गलत इस्तेमाल किया, जो अपराध की आय (पीओसी) माना जाता है.
ईडी की जांच में पता चला कि इस धन को छिपाने के लिए कई लेनदेन के जरिए इसे डायवर्ट और लेयरिंग किया गया. इनमें से एक हिस्सा 696.21 करोड़ रुपये की 11 अचल संपत्तियों को खरीदने में इस्तेमाल हुआ, जो मेसर्स डीएसएस मेगासिटी प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स सरमाटी रियल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स सरमाटी टेक्नो बिल्ड प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स शिव मेगासिटी प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स रोजको बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड जैसे संगठनों के नाम पर थीं. इन संपत्तियों को वैध दिखाने के लिए जानबूझकर जटिल तरीके अपनाए गए, ताकि अपराध की आय छिपाई जा सके.
ईडी ने अब तक इस मामले में कुल 2165 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियां कुर्क की हैं, जिसमें India और विदेश में स्थित संपत्तियां शामिल हैं. इसके अलावा, एक अभियोजन शिकायत और दो पूरक शिकायतें भी दायर की जा चुकी हैं. जांच अभी जारी है और ईडी इस मामले में और कार्रवाई कर सकती है.
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एसएचके/डीएससी