चंडीगढ़, 23 जनवरी . हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी गुरुवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती पर चंडीगढ़ में एक कार्यक्रम को संबोधित किया. इस मौके पर उन्होंने कई घोषणाएं कीं.
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा, “हमने कैबिनेट की मीटिंग में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं. इसमें एमआईटीसी, हरियाणा मिनरल्स लिमिटेड, हथकरघा एवं निर्यात निगम के ऐसे कर्मचारियों को, जिनके डिपार्टमेंट खत्म हो चुके या मर्ज हो चुके हैं, उनको 6 हजार से 20 हजार रुपये तक की पेंशन देने का फैसला लिया गया. “
उन्होंने कहा, “हमने दिव्यांगजनों के लिए 2016 में किए गए संशोधन में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं. इसके तहत हरियाणा में 10 नई दिव्यांग श्रेणियों को शामिल किया गया है, इन्हें अब मासिक पेंशन का लाभ भी मिलेगा. गुरुवार को कैबिनेट द्वारा लिए गए फैसले के अनुसार, लगभग 32 हजार दिव्यांग इस योजना का लाभ उठाएंगे. इससे पहले केंद्र सरकार ने दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के तहत 21 प्रकार की दिव्यांग श्रेणियों को मान्यता दी थी. अब हरियाणा सरकार ने इनमें से 10 श्रेणियों को अपनी योजना में शामिल किया है.”
उन्होंने कहा, ” इसके अलावा, हरियाणा में वर्तमान में 2 लाख 8 हजार 71 दिव्यांगजनों को पेंशन के रूप में 3,000 रुपये प्रति माह का मानदेय दिया जा रहा है. कैबिनेट ने यह भी फैसला किया कि थैलेसीमिया और हीमोफीलिया जैसी बीमारियों से पीड़ित रोगियों के लिए पेंशन की आयु सीमा 18 वर्ष को समाप्त कर दिया गया है. पहले, इन रोगियों को 18 वर्ष के बाद पेंशन मिलती थी, लेकिन अब आयु सीमा को खत्म कर दिया गया है, जिससे अधिक लोग इस योजना का लाभ उठा सकेंगे. साथ ही, यह निर्णय भी लिया गया है कि थैलेसीमिया और हीमोफीलिया के रोगियों को वित्तीय सहायता पहले से मिल रही किसी भी अन्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन के अतिरिक्त दी जाएगी. यह बदलाव 2009 में किए गए संशोधन के आधार पर किया गया है, जो इन रोगियों के लिए अतिरिक्त सहायता सुनिश्चित करता है.”
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