हरियाणा में विधानसभा चुनावों की घोषणा के साथ ही राजनीतिक दलों ने समर्थन और गठबंधन हासिल करने के लिए सक्रिय अभियान चला रखा है. हालांकि, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी जनता की जरूरतों और चिंताओं पर ध्यान देकर खुद को अलग पहचान दिला रहे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री निवास को “जनता दरबार” में तब्दील किया है, जहाँ नागरिक सीधे अपनी समस्याएं उन तक पहुंचा सकते हैं. साथ ही, वह अक्सर चाय की दुकानों पर जाकर स्थानीय लोगों से मिलते हैं और उनकी समस्याओं व सुझावों को सुनते हैं. इस दृष्टिकोण से सरकार और जनता के बीच की खाई को पाटने में मदद मिलती है, जिससे उनकी प्रतिबद्धता दिखती है.
स्थानीय शासन को मजबूत करना
मुख्यमंत्री सैनी ने पंचायती राज प्रणाली को मजबूत करने में काफी प्रगति की है. उन्होंने अंतर-जिला परिषद की स्थापना की और ई-टेंडरिंग की सीमा को ₹21 लाख तक बढ़ा दिया, जिससे स्थानीय नेता आसानी से विकास परियोजनाएं शुरू कर सकें. इसके अलावा, उन्होंने पूर्व पंचायत प्रतिनिधियों के लिए मासिक पेंशन शुरू की, जिससे उनकी सामाजिक सुरक्षा बढ़ी.
जन कल्याण की पहलें
मुख्यमंत्री सैनी ने कई प्रभावी नीतियां लागू की हैं. इनमें ₹500 में गैस सिलेंडर प्रदान करना, 100 गज के प्लॉट आवंटित करना, अग्निवीरों के लिए 10% आरक्षण, सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सुनिश्चित करना, और मुफ्त यात्रा के लिए हैप्पी कार्ड शामिल हैं. ये योजनाएं हरियाणा के निवासियों के जीवन स्तर को उठाने के लिए हैं.
हाशिए के समुदायों को सशक्त बनाना
सैनी ने अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) समुदाय को उठाने पर भी ध्यान केंद्रित किया है. उन्होंने क्रीमी लेयर की वार्षिक आय सीमा को ₹6 लाख से बढ़ाकर ₹8 लाख कर दी और सरकारी सेवाओं में OBC व्यक्तियों के लिए अधिक अवसर प्रदान करने के लिए बैकलॉग पदों को भरने के लिए विशेष भर्ती अभियान की योजना बनाई.