बिहार में हरतालिका तीज की धूम, महिलाओं के हाथों में रचने लगी मेंहदी

पटना, 3 सितंबर . भारतीय महिलाओं के श्रृंगार में मेंहदी का अपना खास स्थान है. हरतालिका तीज के मौके पर भारतीय महिलाएं एक सप्ताह पहले से अपने सोलह श्रृंगार की तैयारी शुरू कर देती हैं. ऐसे में तीज के पहले मेंहदी बाजार में महिलाओं की भीड़ बढ़ गई है.

इस वर्ष हरतालिका तीज छह सितंबर को मनाया जाएगा, जिसको लेकर महिलाओं ने तैयारी शुरू कर दी है. ऐसे में मेंहदी बाजार में महिलाओं की भीड़ बढ़ गई. ऐसी मान्यता है कि तीज में मेंहदी लगाने से पतियों की उम्र बढ़ती है. आम तौर पर कहा जाता है कि जिसकी मेंहदी जितनी रंग लाती है, उसको उतना ही अपने पति और ससुराल का प्रेम मिलता है.

ऐसे तो सावन महीने से ही पटना के बाजारों में मेंहदी के छोटे से बड़े दुकानों में लड़कियों और महिलाओं की भीड़ लगी रहती है, लेकिन हरतालिका तीज के दौरान तो यह भीड़ काफी बढ़ जाती है. तीज के दौरान कोई भी ऐसा मार्केट कॉम्प्लेक्स नहीं होता जहां मेंहदी वाले नहीं होते. इन मेंहदी लगाने वालों के डिजाइन के अनुसार अपने रेट हैं. आम तौर पर महिलाएं 200 से लेकर 800 रुपए तक मेंहदी लगवा रही हैं.

चुन्नी लाल मेगा मार्ट के बाहर मेंहदी लगाने वाले रमेश ने को बताया कि यहां हर उम्र की महिलाएं मेंहदी लगवाने आ रही हैं. वो विभिन्न डिजाइन में राजस्थानी, अरेबिक, बॉम्बे गोल्ड, सिल्वर और ब्लैक मेंहदी लगवाती हैं. पिछले वर्ष की तुलना में मेंहदी लगवाने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ी है.

पटना के डाकबंगला चौराहे के मौर्या लोक कॉम्प्लेक्स के पास ‘अपना मेंहदी वाला’, ‘ राजा मेंहदी वाले’ और ‘राजस्थानी मेंहदी’ के नाम की दुकानें सजी हैं तो बेली रोड के केशव पैलेस, बोरिंग रोड चौराहे पर स्थित ‘एलिगेंस’ के पास विभिन्न नामों के मेंहदी दुकान ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं.

मेंहदी लगाने वाली सोनाक्षी कहती हैं कि लड़कियां भी हाथों में मेंहदी लगाने में पीछे नहीं रहती. उन्होंने बताया कि लड़कियां बेल डिजाइन, अरेबिक, बैंगल डिजाइन, चूड़ी डिजाइन ज्यादा पसंद कर रही हैं. जबकि, महिलाएं राजस्थानी और दुल्हन डिजाइन को पसंद कर रही हैं.

दुकानदार बताते हैं कि एक अनुमान के मुताबिक हरतालिका तीज में ग्राहकों की संख्या अन्य दिनों से चार गुनी बढ़ जाती है, इस कारण हमलोग भी कारीगरों की संख्या में इजाफा करते हैं. तीज के एक सप्ताह पहले से मेंहदी लगवाने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ जाती और तीज की पूर्व संध्या पर ये और ज्यादा हो जाती है.

एमएनपी/एससीएच