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देहरादून, 22 जुलाई . जगदीप धनखड़ ने Monday शाम उपPresident पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के तहत इस्तीफा दिया. उनके इस्तीफे के बाद विपक्षी सांसद सवाल उठा रहे हैं. उत्तराखंड के पूर्व Chief Minister एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने भी Tuesday को जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर सवाल खड़ा किया.
पूर्व सीएम हरीश रावत ने से बात करते हुए कहा, “जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर जो चर्चा हो रही है, उसके पीछे का तात्पर्य कुछ और है. संसद में रहते हुए जगदीप धनखड़ के साथ समय व्यतीत किया है. उनका स्वभाव सरल और विनम्र था. आज सिर्फ स्वास्थ्य कारण उनके इस्तीफे की वजह नहीं है, बल्कि जो बातें चल रही हैं, उसमें बिहार की राजनीति तक उनके इस्तीफे की वजह मानी जा रही है.”
उन्होंने कहा, “जगदीप धनखड़ के इस्तीफे ने पूरे देश को आश्चर्य में डाल दिया. दिनभर वो काम करते हैं, शाम तक विपक्ष के सांसदों के साथ अगले दिन की कार्यवाही के लिए मीटिंग करते हैं, लेकिन उसके बाद धनखड़ इस्तीफा देते हैं. उपPresident के इस्तीफा देने के समय ने सभी को आश्चर्य में डाल दिया.”
दरअसल, India के 14वें उपPresident जगदीप धनखड़ ने Monday को स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए उपPresident पद से इस्तीफा दे दिया. President द्रौपदी मुर्मू को लिखे एक पत्र में उन्होंने कहा कि वह स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं.
16 जुलाई 2022 को भाजपा ने एनडीए की ओर से धनखड़ को उपPresident पद का उम्मीदवार घोषित किया था. 6 अगस्त 2022 को हुए चुनाव में उन्होंने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को बड़े अंतर से हराया था. यह 1992 के बाद सबसे बड़ा जीत का अंतर था.
उनके इस्तीफे के बाद अब देश में नए उपPresident के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी, क्योंकि उपPresident राज्यसभा के सभापति भी होते हैं और यह पद ज्यादा समय तक खाली नहीं रह सकता.
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एससीएच/एबीएम