नई दिल्ली, 1 जुलाई . दिल्ली में सोमवार को 77वें अकाउंटेंट्स दिवस समारोह का आयोजन किया गया. इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने समारोह में बोलते हुए भारत के अकाउंटिंग पेशेवरों को वित्तीय पारदर्शिता के निर्माता और राष्ट्रीय शासन में महत्वपूर्ण भागीदार बताया. उन्होंने कहा कि भारत के अकाउंटेंट वित्तीय अखंडता और राष्ट्र निर्माण के स्तंभ हैं.
चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की महत्वपूर्ण भूमिका पर मंत्री ने कहा, “अकाउंटेंट्स अब ऑडिट और बैलेंस शीट तक सीमित नहीं हैं. वह अब स्थिरता, सार्वजनिक जवाबदेही और आर्थिक लचीलेपन के केंद्र में हैं.”
पुरी ने 1949 में अपनी स्थापना के बाद से भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान (आईसीएआई) की सराहना करते हुए कहा, “आईसीएआई के आरंभ में 1,700 सदस्य थे, जिसकी संख्या आज लगभग पांच लाख सदस्यों तक पहुंच गई है. यह न केवल संख्या में वृद्धि का प्रमाण है, बल्कि भारतीय वित्तीय मानकों में दुनिया के विश्वास का भी प्रमाण है.”
उन्होंने कहा कि भारत मात्र एक दशक में 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, जिसकी जीडीपी 4.3 ट्रिलियन डॉलर है. उन्होंने देश की मजबूत 6.5 प्रतिशत विकास दर और मजबूत बुनियादी ढांचे का हवाला देते हुए कहा, “हम जर्मनी को पछाड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के कगार पर हैं.”
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक निवेशक अब भारत में भरोसा करते हैं, जिसका समर्थन 2014 से अब तक कुल 748 बिलियन डॉलर के मजबूत एफडीआई प्रवाह द्वारा किया गया है. यह पिछले दशक की तुलना में 143 प्रतिशत की बढ़ोतरी है. उन्होंने इस सफलता का श्रेय जीएसटी, दिवाला और दिवालियापन संहिता, कॉर्पोरेट कानूनों के गैर-अपराधीकरण और 25,000 से अधिक अप्रचलित अनुपालनों को समाप्त करने जैसे संरचनात्मक सुधारों को दिया.
मंत्री ने कहा, “डिजिटल पहचान से लेकर वित्तीय समावेशन तक, भारत दुनिया में अग्रणी है.”
उन्होंने आयकर रिटर्न के 2014 के 3.6 करोड़ से बढ़कर आज 8.5 करोड़ हो जाने और डिजिटल अपनाने की तीव्र गति का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि भारत अब वैश्विक डिजिटल लेन-देन का 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है. देश अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा जैव ईंधन सम्मिश्रण राष्ट्र है और स्थिरता और जलवायु लक्ष्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के तहत हरित हाइड्रोजन, प्राकृतिक गैस और ईवी बुनियादी ढांचे में सक्रिय रूप से निवेश कर रहा है.
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एएसएच/एबीएम