कर्नाटक में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने पर हरदीप पुरी का कांग्रेस पर तंज, कहा- ‘खटाखट बढ़ा दी महंगाई’

नई दिल्ली, 16 जून . कर्नाटक में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि खटाखट महंगाई बढ़ा दी. उन्होंने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के ‘खटाखट’ वाले बयान का वीडियो भी सोशल मीडिया साइट एक्स पर शेयर किया.

हरदीप सिंह पुरी ने रविवार को एक्स पर लिखा, ”खटाखट महंगाई बढ़ा दी! हर परिवार की महिला को 8,500 रुपये प्रतिमाह देने के वादे को पूरा नहीं करने के बाद कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने राज्य में पेट्रोल और डीजल पर 3 रुपये प्रति लीटर अतिरक्त बोझ लोगों पर डाल दिया है. इस फैसले के बाद कर्नाटक के लोगों को खाद्य पदार्थों, कपड़ों, दवाओं और बुनियादी जरूरतों की सभी वस्तुओं के लिए अधिक भुगतान करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. क्योंकि, ईंधन की कीमतें सीधे सभी वस्तुओं की कीमतों को प्रभावित करती हैं. चुनाव समाप्त होने के ठीक बाद ऐसा फैसला कांग्रेस के पाखंड को उजागर करता है. जो महंगाई की बात करती है. लेकिन, भाजपा शासित राज्यों की तुलना में लगभग 8 से 12 रुपये प्रति लीटर अतिरिक्त वैट लगाती है.”

केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने आगे लिखा, ”इस बढ़ोतरी के साथ कर्नाटक में पेट्रोल अब यूपी और गुजरात दोनों भाजपा शासित सरकारों की तुलना में 8.21 रुपये प्रति लीटर महंगा है. अगर कर्नाटक की तुलना भाजपा शासित अरुणाचल प्रदेश से की जाए, जहां पार्टी मजबूती से सत्ता में वापस आई है, तो कीमतों में अंतर और भी अधिक है. कर्नाटक में पेट्रोल की कीमतें अरुणाचल की तुलना में 12 रुपये प्रति लीटर ज्यादा है. दोनों राज्यों के बीच डीजल की कीमत में 8.59 रुपये प्रति लीटर का अंतर है, जबकि अरुणाचल प्रदेश में यह काफी कम है. पिछले तीन वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने भारत की कच्चे तेल की खरीद में विविधता लाने का काम किया. ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि नवंबर 2021 से मई 2024 की अवधि के दौरान पेट्रोल की कीमतों में लगभग 14 प्रतिशत की कमी आए और डीजल की कीमतों में लगभग 11 प्रतिशत की गिरावट आए.”

उन्होंने आगे बताया कि इसी अवधि के दौरान, अमेरिका में पेट्रोल की कीमतों में 29 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई. जबकि, पड़ोसी देश पाकिस्तान और श्रीलंका को वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के कारण गंभीर वित्तीय तनाव का सामना करना पड़ा. इसके अतिरिक्त, मोदी सरकार ने नवंबर 2021 में परिवहन ईंधन की उपलब्धता और सामर्थ्य बनाए रखने के लिए उत्पाद शुल्क में पर्याप्त और समय पर कटौती की. मई 2022 में एक और कटौती की. केंद्र सरकार ने नवंबर 2021 में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में क्रमशः 5 रुपये प्रति लीटर और 10 रुपये प्रति लीटर की कमी की. मई 2022 में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में क्रमशः 8 रुपये प्रति लीटर और 6 रुपये प्रति लीटर की और कटौती की गई. इस साल 14 मार्च को फिर से, तेल विपणन कंपनियों ने कीमतों को 2 रुपये प्रति लीटर कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. भाजपा शासित राज्य सरकारों ने जन-हितैषी नीतियों के साथ गठबंधन किया और जनता के लिए दरों में और कटौती करने और मुद्रास्फीति के दबावों पर लगाम लगाने के लिए परिवहन ईंधन पर बिक्री कर कम किया.”

हरदीप पुरी ने आखिर में लिखा, ”कांग्रेस शासित तेलंगाना में पेट्रोल की कीमत यूपी की तुलना में 12.76 रुपये प्रति लीटर अधिक है. इन दोनों राज्यों के बीच डीजल की कीमतों में भी 7.89 रुपये प्रति लीटर का अंतर काफी अधिक है. इसी तरह, तृणमूल कांग्रेस शासित पश्चिम बंगाल में पेट्रोल की कीमतें भाजपा शासित गुजरात की तुलना में 9.29 रुपये प्रति लीटर अधिक हैं. पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व ने यह सुनिश्चित किया कि जब दुनिया यूरोप में युद्ध के कारण ईंधन की कीमतों में उछाल का सामना कर रही थी, उस दौरान भारत एकमात्र ऐसा देश रहा, जहां पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम हुईं.”

एसके/एबीएम