New Delhi, 18 अगस्त . माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला Tuesday को 58 वर्ष के हो जाएंगे. टेक वर्ल्ड में उन्हें अपने दूरदर्शी नेतृत्व और डिजिटल भविष्य को आकार देने के लिए जाना जाता है, जिसके कारण आज माइक्रोसॉफ्ट दुनिया की शीर्ष कंपनियों में शामिल है.
सत्य नारायण नडेला का जन्म 15 अगस्त, 1947 को भारत के हैदराबाद में हुआ था. नडेला ने अपना शुरुआती जीवन इसी शहर में बिताया और फिर मैंगलोर यूनिवर्सिटी में 1988 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग हासिल की. इसके बाद वह अमेरिका चले गए. जहां, उन्होंने 1990 में मिल्वौकी स्थित विस्कॉन्सिन यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में मास्टर की डिग्री हासिल की.
ब्रिटानिका की रिपोर्ट के अनुसार, नडेला का करियर उस समय आगे बढ़ा, जब वे सन माइक्रोसिस्टम्स में टेक्नोलॉजी स्टाफ के सदस्य के रूप में शामिल हुए.
इसके बाद, नडेला 1992 में माइक्रोसॉफ्ट में शामिल हुए. शुरुआत में नडेला ने विंडो एनटी के विकास में योगदान दिया. इस ऑपरेटिंग सिस्टम को कंपनी द्वारा बिजनेस यूजर्स को टारगेट करने के उद्देश्य से बनाया गया था.
माइक्रोसॉफ्ट में काम करने के साथ-साथ, उन्होंने पढ़ाई जारी रखी और 1997 में शिकागो यूनिवर्सिटी में बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री हासिल की.
माइक्रोसॉफ्ट में नडेला की ग्रोथ शानदार रही. उन्हें 1999 तक माइक्रोसॉफ्ट बीसेंट्रल स्मॉल-बिजनेस सर्विस का वाइस प्रेसिडेंट नियुक्त किया जा चुका था. नडेला को इसके दो साल बाद माइक्रोसॉफ्ट बिजनेस सॉल्यूशंस का कॉर्पोरेट वाइस प्रेसिडेंट बना दिया गया.
2007 में नडेला को माइक्रोसॉफ्ट के ऑनलाइन सर्विसेज डिविजन में रिसर्च और डेवलपमेंट का वाइस प्रेसिडेंट बनाया गया. इसके बाद, 2011 से 2013 तक वे माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर और टूल्स बिजनेस के प्रेसिडेंट रहे. उस समय कंपनी के इस डिपार्टमेंट की वार्षिक आय 19 अरब डॉलर थी.
फिर 4 फरवरी, 2014 को नडेला को कंपनी का सीईओ नियुक्त किया गया. कंपनी के 40 वर्षों के इतिहास में यह पद संभालने वाले वह तीसरे व्यक्ति हैं. इससे पहले केवल कंपनी के सह-संस्थापक बिल गेट्स और स्टीव बालमर ने ही यह पद संभाला था.
नडेला की लीडरशीप में 2014 में माइक्रोसॉफ्ट ने नोकिया के मोबाइल डिविजन, 2016 में लिंक्डइन और 2018 में गिटहब का अधिग्रहण किया है.
मौजूदा समय में नडेला माइक्रोसॉफ्ट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ट्रांजिशन को लीड कर रहे हैं.
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एबीएस/