हैप्पी बर्थडे नारायण मूर्ति: 10,000 रुपए से शुरुआत कर छोटे से स्टार्टअप ‘इन्फोसिस’ को बना दिया अरबों डॉलर की कंपनी

New Delhi, 19 अगस्त . एन आर नारायण मूर्ति Wednesday को 79 वर्ष के हो जाएंगे. आज के दौर में उनका नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं है, बल्कि उन्हें ऐसे चुनिंदा कारोबारियों में गिना जाता है, जिन्होंने काफी छोटे स्तर से शुरुआत कर कारोबारी जगत में बुलंदियों को छुआ.

नारायण मूर्ति का जन्म 20 अगस्त, 1946 को कर्नाटक के सिदलघट्टा में एक मध्यमवर्गीय हिंदू परिवार में हुआ था. उन्होंने 1967 में राष्ट्रीय इंजीनियरिंग संस्थान से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री और 1969 में आईआईटी, कानपुर से मास्टर डिग्री प्राप्त की.

इसके बाद मूर्ति ने नौकरी का रुख किया और 1970 के दशक में पेरिस में काम करने के लिए चले गए. यहां उन्होंने कई प्रोजेक्ट्स पर काम किया , जिसमें से एक चार्ल्स डी गॉल हवाई अड्डे पर एयर कार्गो हैंडलिंग के लिए एक ऑपरेटिंग सिस्टम डिजाइन करना था. इसके बाद मूर्ति देश वापस लौट आए और पुणे की एक कंप्यूटर सिस्टम कंपनी में नौकरी करना शुरू किया.

नारायण मूर्ति ने वर्ष 1981 में अपने छह साथियों के साथ मिलकर कंपनी शुरू करने का प्लान बनाया, जिनका नाम इन्फोसिस रखा गया. इसके लिए उन्होंने अपनी पत्नी सुधा मूर्ति से 10,000 रुपए उधार लिए थे और उस समय पुणे के ही एक अपार्टमेंट से कंपनी का संचालन होता था. 1983 में कंपनी ने अपने मुख्यालय को पुणे से बेंगलुरु शिफ्ट कर दिया.

कंपनी शुरू होने के कुछ वर्षों तक नारायण मूर्ति ने कारोबार हासिल करने के लिए काफी संघर्ष किया, लेकिन धीरे-धीरे कंपनी का विस्तार करने में मूर्ति सफल रहे और बिजनेस को भारत के साथ अमेरिका और इंग्लैंड जैसे विकसित देशों में भी फैलाया. 1993 में कंपनी भारत और 1999 में अमेरिका के शेयर बाजार में लिस्ट हुई.

मौजूदा समय में इन्फोसिस देश की शीर्ष 10 कंपनियों में से एक है. मौजूदा समय में कंपनी का मार्केटकैप 5.97 लाख करोड़ रुपए है.

नारायण मूर्ति को कई नागरिक और मानवीय सम्मानों से सम्मानित किया गया है, जिसमें पद्म श्री (2000), ऑनरेरी कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर (2007), लीजन ऑफ ऑनर (2008), और 2008 में पद्म विभूषण शामिल हैं.

उनकी पत्नी सुधा मूर्ति प्रसिद्ध लेखिका और समाजसेवी हैं और उनके दो बच्चे रोहन और अक्षता हैं. अपनी पत्नी सुधा के साथ, नारायण मूर्ति विभिन्न परोपकारी कार्यों में शामिल रहे हैं. इन्फोसिस फाउंडेशन के माध्यम से, मूर्ति दंपति ने भारत में स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और ग्रामीण विकास सहित कई सामाजिक कार्यों में योगदान दिया है.

मूर्ति काम करने के घंटे को लेकर भी विवादों में घिर चुके हैं. पिछले साल मूर्ति ने इन्फोसिस के पूर्व मानव संसाधन निदेशक और बोर्ड सदस्य टीवी मोहनदास पई के साथ एक स्पेशल पॉडकास्ट में कहा था कि भारत की उत्पादकता दुनिया में सबसे कम है और इसे सुधारने के लिए युवाओं को देश की प्रगति की जिम्मेदारी उठानी होगी. “इसलिए, मेरा अनुरोध है कि हमारे युवा कहें, यह मेरा देश है और मैं हफ्ते में 70 घंटे काम करना चाहता हूं.”

एबीएस/