तेल अवीव, 7 अप्रैल . इजरायल ने एक खुफिया दस्तावेज सार्वजनिक किया, जो उसके अधिकारियों के अनुसार, हमास और ईरान के बीच प्रत्यक्ष वित्तीय संबंध उजागर करता है. इसमें कथित तौर पर इजरायल पर हमला करने की योजना को अंजाम देने के लिए तेहरान से किया गया 500 मिलियन डॉलर का अनुरोध भी शामिल है.
इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दस्तावेज और साथ में वीडियो साझा करते हुए कहा, “मैं यहां पहली बार एक दस्तावेज पेश कर रहा हूं. यह गाजा में वरिष्ठ हमास अधिकारियों की सुरंगों में पाया गया, जो ईरान और याह्या सिनवार और मुहम्मद देफ [दोनों हमास के बड़े नेता] के बीच सीधा संबंध साबित करता है. ये इजरायल को नष्ट करने की हमास योजना के लिए ईरान के समर्थन का हिस्सा है.”
‘टाइम्स ऑफ इजरायल’ की रिपोर्ट के अनुसार, दस्तावेजों की खोज इजरायली बलों ने हमास सुरंगों में अभियान के दौरान की.
काट्ज के अनुसार, दस्तावेज में हमास की ओर से ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) कुद्स फोर्स से दो वर्षों में प्रति माह 20 मिलियन डॉलर की मांग का विवरण है.
काट्ज ने यह भी दावा किया कि आईआरजीसी के फिलिस्तीनी विभाग के प्रमुख हुसैन अकबरी इजादी ने ईरान की आर्थिक कठिनाई के बावजूद हमास को निरंतर समर्थन देने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि ईरान का समर्थन गाजा से आगे बढ़कर लेबनान, सीरिया, यहूदिया, सामरिया तथा यमन के हूती सहित अन्य क्षेत्रों तक फैला हुआ है. उन्होंने इसे एक व्यापक ‘आतंक की धुरी’ करार दिया.
रक्षा मंत्री ने घोषणा की, “इजरायल ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने के लिए हर संभव कोशिश करेगा. जब तक ईरान की दुष्ट धुरी नष्ट नहीं हो जाती, तब तक वह अपने आतंकवादी ठिकानों पर हमले जारी रखेगा.”
7 अक्टूबर, 2023 को हमास ने दक्षिणी इजरायल पर बड़ा हमला किया, जिसमें 1,200 से ज्यादा लोग मारे गए और 251 बंधकों का अपहरण कर लिया गया. इजरायली आंकड़ों के अनुसार, गाजा में 59 बंधक बचे हैं, जिनमें से 35 के मारे जाने की आशंका है.
7 अक्टूबर हमले के बाद इजरायल ने हमास के नियंत्रण वाले गाजा पट्टी पर हमला कर दिया. इजरायली हमरों में हजारों फिलिस्तीनियों की मौत हो गई, लाखों बेघर हो गए और गाजा शहर खंडहर में तब्दील हो गया.
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