नई दिल्ली, 26 सितंबर . अजमेर दरगाह शरीफ के गद्दी नशीन और चिश्ती फाउंडेशन के अध्यक्ष हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने हाल ही में जापान में आयोजित ‘शांति सप्ताह 2024: उगते सूरज की धरती’ में अपनी प्रभावशाली भागीदारी से दुनिया भर के लोगों को प्रेरित किया.
यूनिटी अर्थ और जीओआई पीस फाउंडेशन, जापान के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में वैश्विक शांति-निर्माताओं, आध्यात्मिक नेताओं और परिवर्तन-निर्माताओं ने भाग लिया. कार्यक्रम की शुरुआत टोक्यो से हुई और इसका समापन हिरोशिमा में 21 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस के अवसर पर किया गया.
हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने अपने संबोधन में भारतीय दर्शन ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ और सूफी आदर्श ‘अल खालकू अयाल लिल्लाह’ का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने मानवता के प्रति बिना शर्त प्यार और करुणा के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि विश्व इतिहास के इस महत्वपूर्ण क्षण में, हमें अपनी साझा मानवता को पहचानना चाहिए.
हाजी चिश्ती ने टोक्यो कन्वर्जेंस में स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय आध्यात्मिक नेताओं और स्वदेशी समुदायों के साथ संवाद किया. उन्होंने भारत और जापान के बीच ऐतिहासिक संबंधों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत और जापान लंबे समय से शांति के आध्यात्मिक मार्ग से जुड़े हुए हैं. इस अवसर पर, हाजी चिश्ती को टोक्यो में भारतीय दूतावास में जापान के भारत के राजदूत सिबी जॉर्ज से मिलने का भी सम्मान मिला. उन्होंने भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत की वैश्विक प्रतिध्वनि को रेखांकित किया.
शांति सप्ताह का दूसरा चरण पवित्र माउंट फ़ूजी के तल पर हुआ, जहां प्रतिभागियों ने ध्यान और प्रार्थना में भाग लिया. इस दौरान, हाजी चिश्ती ने ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती (र.अ.) के प्रेम और सेवा के मूल्यों की याद दिलाई. कार्यक्रम का समापन हिरोशिमा में हुआ, जहां हाजी चिश्ती ने ‘शांति दिवस वैश्विक प्रसारण’ में भाग लिया. उन्होंने कहा कि हिरोशिमा हमें मानवीय भावना की नाजुकता और उदारवाद दोनों की याद दिलाता है.
हाजी सैयद सलमान चिश्ती की इस भागीदारी ने चिश्ती सूफी सभ्यता की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत का प्रतिनिधित्व किया और वैश्विक शांति तथा अंतर धार्मिक सद्भाव के लिए भारत की प्रतिबद्धता को पुनः व्यक्त किया. उनकी उपस्थिति ने वैश्विक समुदाय को शांति, एकता और सामूहिक कार्रवाई के लिए प्रेरित किया.
बता दें कि हाजी सैयद सलमान चिश्ती दरगाह अजमेर शरीफ के गद्दी नशीन और चिश्ती फाउंडेशन के अध्यक्ष हैं. वे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शांति, अंतर-धार्मिक संवाद और सूफी आध्यात्मिकता की शिक्षाओं के प्रवक्ता हैं. उनका मिशन बिना शर्त प्यार और मानवता के संदेश को फैलाना है.
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