नई दिल्ली, 23 अक्टूबर . बदलते वक्त के साथ आज के समय में बालों का झड़ना एक आम समस्या बनी हुई है. आमतौर बढ़ती उम्र के साथ बालों का झड़ना देखा जाता है, लेकिन अब युवाओं के बीच भी यह परेशानी दिखने लगी है.
बालों को झड़ने से रोकने के लिए लोग महंगी-महंगी दवाइयों का सेवन करते हैं, जिनका लंबे समय तक इस्तेमाल करने से कई दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा ये महंगी भी होती हैं, तो बजट पर असर डालती हैं. हालांकि, प्राचीन आयुर्वेदिक नुस्खे से भी बालों के झड़ने की समस्या से निजात पाया जा सकता है.
हम लोग जो कुछ भी खाते हैं, उसका असर हमारे शरीर पर देखने को मिलता है. इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि हम लोगों के खाने में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, ओमेगा-3 फैटी एसिड और विटामिन ‘सी’ हो. इसके अलावा, हमें आंवला, अखरोट और पालक का भरपूर मात्रा में सेवन करना चाहिए. खाने की थाली में दही, घी और शहद को भी जगह देना चाहिए.
अगर आयुर्वेदिक नुस्खे की बात करें तो बालों की अच्छी सेहत के लिए नारियल भृंगराज, त्रिफला पाउडर और काले तिल का प्रयोग करना चाहिए.
दरअसल, भृंगराज को जड़ी-बूटियों का राजा भी कहा जाता है. इसके तेल को लगाने से सिर में रक्त संचार बढ़ता है जिससे बाल झड़ने और रूसी (डैंड्रफ) जैसी समस्याओं से निजात मिल सकता है. भृंगराज के अच्छे से प्रयोग के लिए इसकी एक मुट्ठी पत्तियों को तिल के तेल में डालकर अच्छे से उबालें. जब तेल उबलकर सिर्फ आधा रह जाए इसे ठंडा करके छान लें. इस तेल को बालों में हल्के हाथ से कुछ देर तक मसाज करें और फिर बालों को धो लें.
मजबूत बालों के लिए तिल भी बहुत उपयोगी माने जाते हैं. यदि किसी कोई हेयर फॉल की समस्या से ज्यादा जूझ रहा है तो तिल उसके लिए जादुई साबित हो सकता है. तिल के बीज आयरन और फैटी एसिड से भरपूर होते हैं, जो बालों की जड़ों के पोषण को प्रोत्साहित करते हैं और नए बालों को उगाने में मदद करते हैं. इसमें एंटीऑक्सीडेंट और सेसमिन नामक एक बायोएक्टिव कंपाउंड होता है, जो बालों को समय से पहले सफेद होने और पतले होने से बचाता है.
अच्छे बालों के लिए काले तिल के बीज के पाउडर, आंवला चूर्ण और कच्चे नारियल पाउडर से एक खास चूर्ण तैयार किया जा सकता है जिनके प्रयोग से बालों की समस्या से निजात मिल सकती है.
इस खास चूर्ण को बनाने के लिए बराबर गुणवत्ता वाले काले तिल के बीज का पाउडर, आंवला चूर्ण और कच्चे नारियल पाउडर को एक साथ मिला लें. इसके बाद एक हवा बंद कंटेनर में इनको स्टोर कर लें. एक चम्मच आयुर्वेदिक मिश्रण का सुबह गाय के घी या गर्म पानी के साथ सेवन किया जा सकता है. ध्यान रखें कि पीसने से पहले तिल के बीज को हल्का भूनना जरूरी है.
–
एससीएच/एकेजे