भाजपा के पास पूर्ण बहुमत होता तो संविधान बदल देते : उदित राज

नई दिल्ली, 1 दिसंबर . दिल्ली के रामलीला मैदान में डोमा परिसंघ की अगुवाई में रविवार को एक महारैली आयोजित की गई. इस रैली में संविधान, ईवीएम सहित अन्य मुद्दों पर कांग्रेसी नेताओं ने आवाज बुलंद की.

कांग्रेस नेता उदित राज ने से बातचीत के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख के बयान पर पलटवार किया. उन्होंने कहा है कि वह समय-समय पर ध्यान बांटने का काम करते हैं. जनसंख्या जरूरी है या देश का विकास? वह देश को 200 वर्ष पीछे ले जा रहे हैं. इससे देश में गरीबी बढ़ेगी. संसाधन बढ़ेंगे नहीं और जनसंख्या बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा तो इससे समस्या ही पैदा होगी. शोषण ज्यादा होगा. बात विज्ञान की होनी चाहिए.

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा संविधान से नफरत करती हैं. मैं समझता हूं कि इस बार भाजपा के पास अगर पूर्ण बहुमत होता तो वे लोग संविधान बदल देते. झारखंड में भाजपा के लोग हिन्दू-मुसलमान कर चुनाव की दिशा मोड़ना चाहते थे, लेकिन वे इसमें कामयाब नहीं हो पाए.

रामलीला मैदान में यह रैली बहुजन समाज की रैली है, जिसमें दलित, ओबीसी, अल्पसंख्यक और आदिवासी शामिल हैं. पिछले 10 वर्षों में आरक्षण लगभग समाप्त कर दिया गया है और निजीकरण ने अपना दबदबा बना लिया है. जाति धर्म के आधार पर बुलडोजर चलाया जाता है. कोर्ट की अब कोई भूमिका नहीं रह गई है. कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका तीनों को लोकतंत्र का आधार-स्तंभ माना जाता है. अदालत का कोई मतलब नहीं रहा. सीधा आदेश आता है कि जाओ घर पर बुलडोजर चला दो. इसलिए संविधान खतरे में है. भारतीय चुनाव आयोग की आज क्या स्थिति है. आज की रैली में जो भी मांगे उठाई जा रही हैं, वे संविधान से संबंधित हैं.

राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि ‘इंडिया’ ब्लॉक के नेता लगातार इस बात को कह रहे हैं संविधान के साथ छेड़छाड़ की जा रही है. वे लोग खुद को संविधान से भी ऊपर समझ रहे हैं. यह देश को स्वीकार नहीं हो सकता है. यह देश नियम-कानून और संविधान से चलेगा. इससे केंद्र की सरकार में बैठे लोग परेशान हैं. उनकी परेशानी का इलाज जनता जल्द ही करेगी.

डीकेएम/एकेजे