New Delhi, 11 अगस्त . भले ही क्रिकेटर ज्ञानेंद्र पांडे भारत की ओर से महज दो मुकाबले ही खेल सके, लेकिन उन्होंने करीब दो शतक तक घरेलू स्तर पर उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया. उन्होंने डोमेस्टिक क्रिकेट में अपने प्रभावशाली प्रदर्शन से टीम को कई मैच जिताने में मदद की है.
12 अगस्त 1972 को लखनऊ में जन्मे ज्ञानेंद्र पांडे भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज मोहम्मद अजहरुद्दीन, सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ जैसे खिलाड़ियों के साथ खेल चुके हैं.
ज्ञानेंद्र पांडे को 24 मार्च 1999 को पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डेब्यू का मौका मिला. इस बाएं हाथ के स्पिनर ने 10 ओवरों में 39 रन दिए, लेकिन कोई विकेट हाथ नहीं लगा.
अगले मुकाबले में उन्होंने तीन ओवर गेंदबाजी की, जिसमें 21 रन दिए, लेकिन एक बार फिर विकेट लेने में नाकाम रहे.
ज्ञानेंद्र पांडे ने करियर के शुरुआती दोनों मैच पाकिस्तान के ही खिलाफ खेले, जिसमें कोई सफलता हासिल नहीं कर सके.
ज्ञानेंद्र पांडे घरेलू क्रिकेट में एक स्थिर और उपयोगी खिलाड़ी साबित हुए. उन्होंने बाएं हाथ के स्पिनर और निचले क्रम के बल्लेबाज के रूप में करियर शुरू किया था, लेकिन बल्लेबाजी में सुधार करते हुए यूपी के मध्य क्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए.
ज्ञानेंद्र पांडे ने 1988-89 में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू किया था. 1997 में डोमेस्टिक क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया. दलीप ट्रॉफी के फाइनल में 44 रन की पारी खेलने के साथ तीन विकेट भी लिए. देवधर ट्रॉफी में भी उनका प्रदर्शन शानदार था. चैलेंजर ट्रॉफी में भी दमदार प्रदर्शन के साथ सभी का ध्यान खींचा. इसी काबिलियत के चलते साल 1999 में उन्हें टीम इंडिया में जगह मिल सकी थी.
2005-06 में यूपी ने रणजी ट्रॉफी जीतकर सभी को चौंकाया. एक सीजन बाद ज्ञानेंद्र पांडे ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी.
ज्ञानेंद्र पांडे ने 117 फर्स्ट क्लास मुकाबलों में 165 विकेट लेने के अलावा 5,348 रन बनाए, जिसमें नौ शतक और 30 अर्धशतक शामिल रहे.
लिस्ट-ए क्रिकेट में उन्होंने 82 मैच खेले, जिसमें 89 शिकार करने के अलावा 37.10 की औसत के साथ 1,781 रन जोड़े. लिस्ट-ए में उनके नाम 12 अर्धशतक हैं.
क्रिकेट छोड़ने के बाद ज्ञानेंद्र पांडे ने कोचिंग में भी हाथ आजमाया. फिलहाल, वह स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) में पीआर एजेंट के रूप में कार्यरत हैं.
–
आरएसजी