ममता बनर्जी के राज में बंगाल में ‘गुंडागर्दी ऑन’ : मुख्तार अब्बास नकवी

New Delhi, 30 जून . कोलकाता रेप केस मामले में तृणमूल कांग्रेस नेताओं की ओर से दिए गए विवादित बयानों पर भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने इसे पश्चिम बंगाल में ममता राज में ‘गुंडागर्दी ऑन’ करार दिया है.

मुख्तार अब्बास नकवी ने समाचार एजेंसी से बातचीत के दौरान कहा, “मुझे लगता है कि कोलकाता रेप केस में कार्रवाई करने की बजाय Government और सत्ताधारी पार्टी इन अपराधियों की वाहवाही करती नजर आती है. अगर यह शहर जो पूरे देश का गौरव है, क्राइम कैपिटल बन जाए तो यह चिंता की बात जरूर है. लेकिन इससे भी बड़ी चिंता यह है कि ममता दीदी के राज में गुंडागर्दी चल रही है. गुंडागर्दी करने वालों को Political और Governmentी संरक्षण प्राप्त है, जो और भी गंभीर चिंता की बात है.

आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसबोले की ओर से हाल ही में आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर दिए गए एक बयान पर भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यह रचनात्मक और सकारात्मक बहस की दिशा में आगे बढ़ रहा है. जब India आजाद हुआ तो दो देश बने, Pakistan और हिंदुस्तान. Pakistan ने इस्लामी झंडा फहराया, जबकि India ने सर्वधर्म समभाव का रास्ता चुना. सर्वधर्म समभाव चुनने में कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं थी. यह हमारे देश के बहुसंख्यकों की संस्कार और संस्कृति, मूल्यों और सोच का परिणाम था. जब पड़ोसी देश इस्लामिक राष्ट्र बन रहा था, तब India के बहुसंख्यक समाज ने अपने देश को सर्वधर्म समभाव के रास्ते पर ले जाने का फैसला किया. इसीलिए संवैधानिक बाध्यता नहीं थी. उस समय हमारे लोगों की संस्कृति और संस्कार सर्वधर्म समभाव का था. आपातकाल के दौरान जो संविधान के साथ छल किया गया, उसकी तह तक जाने की जरूरत है.

तेजस्वी यादव की ओर से वक्फ कानून को “कूड़ेदान में फेंकने” वाले बयान पर भाजपा नेता ने कहा, “जिनके खानदान का खूंटा उखड़ गया है, वे कानून का खूंटा उखाड़ने का ठेका लेने निकल पड़े हैं. उन्हें अपने खानदान के खूंटे का पता ही नहीं है, और वह कानून के खूंटे को उखाड़ने की हास्यास्पद कोशिश में लगे हुए हैं. निश्चित तौर पर जब भी चुनाव आते हैं, ये लोग सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के जरिए समाज के एक बड़े वर्ग के वोटों का अपहरण करने की साजिश और षड्यंत्र में लग जाते हैं. उन्हें लग गया है कि इस बार जनादेश के घाट पर उनका जुगाड़ भी हार जाएगा. इसलिए एक बार फिर से उन्होंने सांप्रदायिक नौटंकी करने की कोशिश की है, सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने की कोशिश की है और समाज के एक बड़े वर्ग में भय तथा भ्रम फैलाकर उनके वोटों का अपहरण करने की साजिश रची है, लेकिन वे इसमें सफल नहीं होंगे.

डीकेएम/एकेजे