गुजरात सरकार ने बाढ़ प्रभावित विक्रेताओं को वितरित किए 2.26 करोड़ रुपये की सहायता राशि

वडोदरा, 25 सितंबर . गुजरात में वडोदरा जिला प्रशासन ने बुधवार को वडोदरा में बाढ़ प्रभावित विक्रेताओं के लिए राज्य सरकार द्वारा घोषित विशेष राहत पैकेज वितरित किए.

एक अधिकारी ने बताया, “कम से कम 7,448 विक्रेताओं को सीधे उनके बैंक खातों में वित्तीय सहायता राशि जमा कर दी गई. जिला प्रशासन ने 100 टीमों में 200 कर्मियों को तैनात किया है, जो घर-घर जाकर सर्वेक्षण कर रहे हैं.”

उन्होंने कहा कि टीमें व्यापारियों को सरल फॉर्म भरने और आवश्यक दस्तावेज एकत्र करने में सहायता करती हैं, ताकि कार्यालय के माध्यम से सीधे सहायता हस्तांतरण की सुविधा मिल सके.

अधिकारी ने बताया, “राहत पैकेज से वडोदरा में 4,591 छोटे रेहड़ी-पटरी वालों और ठेले वालों को लाभ मिला है, जिन्हें 2.26 करोड़ रुपए पहले ही वितरित किए जा चुके हैं. इसके अलावा, छोटे स्थायी केबिन वाले 1,079 व्यापारियों को 2.15 करोड़ रुपए मिले हैं. बड़े केबिन व्यापारियों को भी राहत में शामिल किया गया है, जिनमें से 1,686 व्यापारियों को 6.74 करोड़ रुपए मिले हैं.”

उन्होंने बताया कि छोटे एवं मध्यम आकार की स्थायी दुकानों वाले लगभग 92 व्यापारियों को मुख्यमंत्री राहत पैकेज के तहत 78.20 लाख रुपये प्रदान किए गए हैं.

इससे पहले, मंत्री ऋषिकेश पटेल ने वडोदरा में हाल की बाढ़ से प्रभावित व्यवसायों और व्यापारियों की शीघ्र बहाली के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया था.

मंत्री ने कहा कि पात्र व्यापारी अपने नुकसान की सीमा के आधार पर वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं, तथा विशिष्ट सहायता राशि उनके व्यवसाय के प्रकार और आकार के आधार पर निर्धारित की जाएगी.

मंत्री ने कहा, “लॉरी और रैक धारकों को 5,000 रुपये तक की वित्तीय सहायता मिल सकती है. छोटे स्थायी केबिन (40 वर्ग फीट तक) वाले व्यापारी 20,000 रुपये तक के पात्र हैं, जबकि बड़े केबिन (40 वर्ग फीट से अधिक) वाले व्यापारी 40,000 रुपये तक प्राप्त कर सकते हैं. छोटे और मध्यम स्तर के दुकान मालिक 85,000 रुपये तक की सहायता प्राप्त कर सकते हैं.”

उन्होंने कहा कि 5 लाख रुपये से अधिक मासिक कारोबार वाले दुकान मालिकों के लिए सरकार तीन साल के लिए 7 प्रतिशत की ब्याज दर पर 20 लाख रुपये तक का ऋण दे रही है, जिसकी अधिकतम ऋण सीमा 5 लाख रुपये है.

मंत्री ने बताया, “वित्तीय सहायता के लिए आवेदन 31 अक्टूबर तक नगर आयुक्त, मामलातदार या मुख्य नगर अधिकारी को प्रस्तुत किए जाने चाहिए.”

आरके/जीकेटी