Ahmedabad , 9 सितंबर . गुजरात राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत चलाए जा रहे Prime Minister टीबी मुक्त भारत अभियान का लक्ष्य पाने में मुस्तैदी से जुटा है. इसके तहत गुजरात में न केवल व्यापक स्तर पर टीबी मरीजों की पहचान की जा रही है, बल्कि उनका मुफ्त इलाज भी हो रहा है.
गुजरात टीबी उन्मूलन में पूरे देश में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य बन गया है. टीबी रोगियों को इलाज के दौरान कोई आर्थिक परेशानी न हो, इसके लिए सरकार निक्षय पोषण योजना के तहत हर मरीज को दवा और पोषण युक्त आहार के लिए एक हजार रुपए प्रति माह की सहायता भी दे रही है.
Ahmedabad में सिविल अस्पताल के टीबी एवं चेस्ट विभाग के प्रभारी डॉ. घनश्याम बोरिसागर ने बताया कि खांसी, कफ, बुखार और अचानक वजन कम होने जैसे टीबी के लक्षणों को नजरंदाज नहीं करना चाहिए. यह टीबी के लक्षण हो सकते हैं. ऐसे में सरकारी या निजी अस्पताल में कफ की जांच करवाना जरूरी है. साथ ही डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.
जिला क्षय अधिकारी डॉ. चिराग धुवाड के मुताबिक, टीबी रोगियों का निर्बाध इलाज चलता रहे इसके लिए हर महीने उनके बैंक अकाउंट में डीबीटी के माध्यम से एक हजार रुपये ट्रांसफर किए जाते हैं. इलाज की पूरी अवधि के दौरान सरकार की ओर से निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत मरीजों को यह मदद दी जाती है.
Prime Minister Narendra Modi ने वर्ष 2025 के अंत तक भारत को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य तय किया है. इस दिशा में Chief Minister भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में State government ने वर्ष 2024 में टीबी रोगियों की पहचान और पंजीकरण का 95 प्रतिशत लक्ष्य हासिल करते हुए 1,37,929 मरीजों की सफल पहचान की है. इसके साथ ही 1,24,581 रोगियों का पूर्ण उपचार किया है. गुजरात सरकार ने निक्षय पोर्टल पर 10,682 निक्षय मित्रों का पंजीकरण किया है और इनके जरिए 3,49,534 पोषण किट्स भी वितरित किए हैं. गुजरात इन उपलब्धियों के साथ टीबी उन्मूलन में पूरे देश में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य बन गया है.
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एएसएच/जीकेटी