Ahmedabad, 17 जुलाई . गुजरात के Chief Minister भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन और गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी के मार्गदर्शन में, गुजरात संपूर्ण न्याय प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग कर रहा है.
गुजरात पुलिस, जेल और न्यायपालिका के समन्वय से नामदार अदालतों में कैदियों की पेशी के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम का उपयोग करने में अग्रणी रहा है. राज्य की जेलों से अधिकतम कैदियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) प्रणाली के माध्यम से नामदार अदालतों में पेश करने की प्रक्रिया में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, जिससे पुलिस विभाग के मानव संसाधन, समय और धन की भी बचत हो रही है.
राज्य की जेलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्रणाली के माध्यम से नामदार अदालतों में कैदियों की पेशी की व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के लिए गुजरात उच्च न्यायालय ने वर्ष 2022 में राज्य भर की अदालतों में कुल 1100 वीसी सिस्टम स्थापित किए, जिनमें से राज्य की जेलों में सॉफ्टवेयर-आधारित वीसी सिस्टम की 23 इकाइयां आवंटित की गई हैं. वर्तमान में, राज्य की जेलों में कुल 83 वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम कार्यरत हैं.
गुजरात कारागार विभाग के आंकड़े बताते हैं कि इस प्रणाली को अपनाने से सकारात्मक परिणाम मिले हैं. वर्ष 2024 (जनवरी से जून 2024) के दौरान, गुजरात कारागार विभाग के अंतर्गत सभी जेलों द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबंधित न्यायालयों में 40,633 कैदियों, यानी औसतन 29 प्रतिशत कैदियों की पेशी की गई. वर्ष 2025 (जनवरी से जून 2025) के दौरान यह आंकड़ा बढ़कर औसतन 41 प्रतिशत हो गया है, यानी कुल 53,672 कैदियों की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबंधित न्यायालयों में की गई है, जो इस प्रणाली की सफलता और बढ़ते उपयोग को स्पष्ट रूप से दर्शाता है.
इस प्रणाली के प्रभावी कार्यान्वयन से पुलिस विभाग में मानव संसाधन, समय और धन की बचत हुई है. हिरासत में लगे कर्मियों को अन्यत्र ड्यूटी सौंपना भी संभव हो पाया है, जिससे विभाग की कार्यकुशलता में वृद्धि हुई है. इस प्रणाली से न्याय प्रक्रिया में तेजी आई है, जिसके परिणामस्वरूप पीड़ित को शीघ्र न्याय और अपराधी को सजा मिली है.
गुजरात नामदार अदालतों में कैदियों की पेशी के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम का उपयोग करने में अग्रणी रहा है, जो प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से न्याय व्यवस्था में सुधार के लिए State government की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. राज्य पुलिस प्रमुख विकास सहाय और पुलिस महानिदेशक (कारागार) के.एल.एन. राव के मार्गदर्शन में इस पहल को और गति दी जा रही है.
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डीएससी/