जीएसटी सुधारों से देश में उपभोग बढ़ेगा, एफएमसीजी, परिधान, फुटवियर और रेस्तरां इंडस्ट्री को होगा फायदा : रिपोर्ट

New Delhi, 7 सितंबर . केंद्र Government की ओर से हाल ही में किए गए GST सुधारों से India में उपभोग में तेज वृद्धि देखने को मिलेगी. इससे फुटवियर, एफएमसीजी, परिधान और क्विक सर्विस रेस्तरां (क्यूएसआर) इंडस्ट्री को फायदा होगा. यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई.

बर्नस्टीन की रिपोर्ट के अनुसार, GST सुधारों में सबसे बड़ा आश्चर्य निजी उपभोग और घरेलू उपभोग की वस्तुओं जैसे साबुन, शैंपू, हेयर ऑयल, पाउडर और टूथपेस्ट पर टैक्स में भारी कटौती थी. इन उत्पादों पर टैक्स 12-18 प्रतिशत से घटाकर केवल 5 प्रतिशत कर दिया गया है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस कदम से एफएमसीजी कंपनियों को तुरंत मदद मिलेगी, क्योंकि वे उपभोक्ताओं के खर्च का एक बड़ा हिस्सा अपने पास रख पाएंगी.

रिपोर्ट में बताया गया कि इससे मध्यम अवधि में दो प्रकार की मांग में वृद्धि हो सकती है. पहला- उपभोक्ता अब उसी दाम में बड़ा पैकेट खरीद पाएंगे और दूसरा- उपभोक्ता अन्य उत्पादों पर बची हुई आय खर्च कर सकते हैं.

डीमार्ट, विशाल मेगा मार्ट और स्टार (ट्रेंट का हिस्सा) जैसे किराना खुदरा विक्रेताओं के साथ-साथ क्विक-कॉमर्स कंपनियों को इन बदलावों से काफी लाभ होने की उम्मीद है.

परिधान और फुटवियर सेगमेंट में भी GST दरों में संशोधन किया गया है. पहले, 1,000 रुपए से कम कीमत वाले परिधानों पर 5 प्रतिशत और 1,000 रुपए से अधिक कीमत वाले परिधानों पर 12 प्रतिशत GST लगता था.

वहीं, 1,000 रुपए से कम कीमत वाले जूतों पर 12 प्रतिशत GST लगता था जबकि 1,000 रुपए से अधिक कीमत वाले जूतों पर 18 प्रतिशत GST लगता था.

अब, 1,000 रुपए से 2,500 रुपए तक के परिधान और जूते-चप्पल पर केवल 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा.

2,500 रुपए से अधिक मूल्य के परिधानों पर GST दर पहले के 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दी गई है, जबकि 2,500 रुपए से अधिक मूल्य के जूते-चप्पल पर 18 प्रतिशत टैक्स जारी रहेगा.

बर्नस्टीन ने कहा कि यह ट्रेंट जैसी कंपनियों के लिए एक सकारात्मक बदलाव है, जो 1,000 रुपए से अधिक मूल्य के उत्पादों से लगभग 30 प्रतिशत राजस्व अर्जित करती हैं.

आदित्य बिड़ला लाइफस्टाइल ब्रांड्स लिमिटेड और एबीएफआरएल को भी लाभ होगा, क्योंकि उनके कई उत्पाद इसी मूल्य सीमा में आते हैं.

लिबर्टी, कैंपस और मेट्रो जैसे फुटवियर खुदरा विक्रेताओं पर भी नए GST ढांचे का प्रभाव पड़ेगा.

कर दरों में कटौती से क्यूएसआर को भी बड़ा लाभ हुआ है. पनीर, मक्खन, घी, मार्जरीन, सॉस और पैकेजिंग सामग्री जैसे प्रमुख इनपुट पर GST कम कर दिया गया है.

क्यूएसआर को इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलता, इसलिए उनके इनपुट पर लगने वाला सारा GST सीधे उनकी लागत में जुड़ जाता है. इसलिए, किसी भी कटौती से उनके मार्जिन में तुरंत सुधार होता है.

एबीएस