जीएसटी सुधार आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम : लघु उद्योग भारती

New Delhi, 4 सितंबर . लघु उद्योग भारती (एलयूबी) संगठन Prime Minister Narendra Modi द्वारा 15 अगस्त 2025 को लाल किले से दिए गए संबोधन में घोषित ऐतिहासिक GST 2.0 सुधारों तथा 3 सितंबर 2025 को GST परिषद द्वारा अनुमोदित सरलीकृत दो-स्तरीय GST दर संरचना का स्वागत करता है. 22 सितंबर से लागू होने वाले 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत के तर्कसंगत कर स्लैब India की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में एक परिवर्तनकारी बदलाव का संकेत हैं.

हम Prime Minister Narendra Modi के दूरदर्शी नेतृत्व और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के विवेकपूर्ण मार्गदर्शन की सराहना करते हैं, जिन्होंने इस लंबे समय से प्रतीक्षित सुधार को साकार किया. कर दरों को सरल बनाने का यह निर्णय, साथ ही अल्पकालिक राजस्व हानि को वित्त मंत्रालय द्वारा वहन करने की प्रतिबद्धता, आर्थिक विकास, उपभोक्ता कल्याण और राष्ट्रहित के प्रति गहरी निष्ठा को दर्शाता है.

यह सुधार वास्तव में युगांतरकारी है. यह सिर्फ दर संरचना को सरल बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि विशेष रूप से सूक्ष्म और लघु उद्यमों (एमएसई) के लिए व्यापार सुगमता की दिशा में एक बड़ा कदम है. कार्यशील पूंजी की आवश्यकता में कमी, कच्चे माल की सुलभता और व्यापक बाजार तक पहुंच छोटे उद्योगों को महत्वपूर्ण प्रोत्साहन प्रदान करेगी.

हम विशेष रूप से पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने, त्वरित रिफंड और अनुपालन बोझ को कम करने पर केंद्रित इस सुधार का स्वागत करते हैं, जो मिलकर India के औद्योगिक आधार को सुदृढ़ करेंगे और उद्यमिता तथा नवाचार को एक अनुकूल वातावरण प्रदान करेंगे.

ये GST 2.0 सुधार न सिर्फ उद्योगों को लाभान्वित करेंगे, बल्कि उपभोक्ताओं तक भी सीधे लाभ पहुंचाएंगे, जिससे उन्हें कम कीमतों और वस्तुओं व सेवाओं की बेहतर उपलब्धता का अनुभव होगा. हमें विश्वास है कि यह दर संरचना, स्थिरता और स्पष्टता प्रदान करते हुए, वाद-विवाद को कम करेगी, अनुपालन को प्रोत्साहित करेगी तथा उपभोग को बढ़ावा देगी और इस प्रकार समावेशी एवं सुदृढ़ आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी.

लघु उद्योग भारती India Government को इस सुधार के सुचारु और समयबद्ध क्रियान्वयन में अपना पूर्ण सहयोग देने का संकल्प लेती है. हमारी सदस्य इकाइयां इस दर सरलीकरण से प्राप्त लाभों को उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिससे Prime Minister के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ के संकल्प को सशक्त किया जा सके.

हम इन सुधारों को राष्ट्र-निर्माण का एक महत्वपूर्ण स्तंभ और आत्मनिर्भर, प्रगतिशील India की दिशा में एक साहसिक कदम मानते हैं, जो कि विकसित India बनने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है.

डीकेपी/