ग्रेटर नोएडा, 5 दिसंबर . ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव ने बिल्डरों को दो टूक कहा है कि पेंडिंग फ्लैट्स की रजिस्ट्री 31 दिसंबर तक संपन्न कराएं, अन्यथा अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों से बिल्डरों को दी गई राहत को प्राधिकरण वापस ले लेगा. एसीईओ ने एनओसी के नाम पर फ्लैट खरीदारों से मोटी रकम ऐंठने वाले बिल्डरों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है.
एसीईओ ने साफ कहा है कि लीज डीड पर विलंब शुल्क से राहत सिर्फ 21 जनवरी 2025 तक ही है. इसके बाद और समय नहीं दिया जाएगा. एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव ने बिल्डरों के साथ गुरुवार को प्राधिकरण के बोर्ड रूम में बैठक की, जिसमें बिल्डर विभाग की तरफ से प्रोजेक्ट-वार स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत की गई.
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने भी फ्लैटों की रजिस्ट्री लटकाने वाले बिल्डरों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
एसीईओ ने कहा कि यह आखिरी मौका है. 31 दिसंबर तक फ्लैटों की रजिस्ट्री न कराने वाले बिल्डरों को अब और समय नहीं दिया जाएगा. ऐसे बिल्डरों से अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों के आधार पर मिली रिलीफ को वापस लेने की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने प्राधिकरण के बिल्डर विभाग को भी फ्लैट खरीदारों के नाम रजिस्ट्री पर अधिक जोर देने और लापरवाही करने वाले बिल्डरों के आवंटन रद्द करने के निर्देश दिए.
ग्रेटर नोएडा के कुल 98 प्रोजेक्ट्स में से अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों पर तैयार पॉलिसी के दायरे में आने वाले 76 प्रोजेक्ट हैं. इन परियोजनाओं के लिए बिल्डरों की तरफ से 25 फीसदी धनराशि (पूर्ण व आंशिक मिलाकर) जमा कराई गई है. इन परियोजनाओं में 62,912 फ्लैट हैं, जिनमें से 38,661 के लिए कार्यपूर्ति प्रमाणपत्र जारी किया गया.
अब तक लगभग 31,600 फ्लैटों की रजिस्ट्री हो चुकी है. अभी भी 34 बिल्डर परियोजनाओं में लगभग 7,000 फ्लैटों की रजिस्ट्री बाकी है. प्राधिकरण इन 31,600 फ्लैटों की रजिस्ट्री कराने के लिए प्रयासरत है. प्राधिकरण की मंशा है कि 21 जनवरी 2025 को विलंब शुल्क से छूट खत्म होने से पहले बायर्स के नाम इन फ्लैटों की रजिस्ट्री संपन्न हो जाए, ताकि बायर्स पर विलंब शुल्क का बोझ न पडे़.
एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव ने एनओसी के नाम पर खरीदारों से अधिक शुल्क वसूल रहे बिल्डरों को भी फटकार लगाई. उन्होंने एनओसी के लिए खरीदारों से निर्धारित शुल्क से अधिक लेने पर कार्रवाई की चेतावनी दी.
बैठक में बिल्डर विभाग की मैनेजर स्नेहलता व 30 से अधिक बिल्डर प्रतिनिधि मौजूद रहे. प्राधिकरण ने फ्लैटों की रजिस्ट्री न कराने वाले पांच बड़े प्रोजेक्ट के नाम भी बताए हैं, जिनमें यमुना बिल्डटेक (मिग्सन विलासा), जो ईटा टू सेक्टर में है और इसमें 763 फ्लैट की रजिस्ट्री बाकी है. देविका गोल्डहोम, जो सेक्टर-1 में है और इसमें 714 फ्लैट की रजिस्ट्री बाकी है. ऐसे ही एसडीएस इंफ्राटेक ओमेगा-टू में बना है और इसमें 396 फ्लैट को रजिस्ट्री बाकी है. अजय इंटरप्राइज सेक्टर-2 में है और इसमें 240 फ्लैट की रजिस्ट्री बाकी है. जबकि, महालक्ष्मी बिल्डटेक (मिग्सन अल्टिमो) ओमीक्रॉन-3 में है, इसमें भी 145 फ्लैट की रजिस्ट्री बाकी है.
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पीकेटी/एबीएम