ग्रेटर नोएडा, 14 दिसंबर . ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने किसानों की मांगों पर निर्णय करने के लिए बनी उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों और मुख्य सचिव के निर्देशों पर अमल शुरू कर दिया है. आबादी भूखंडों की पात्रता तय करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के भूलेख विभाग की टीम गांवों में शिविर लगा रही है. टीम ने शनिवार को लुक्सर और किराचपुर में शिविर लगाए, जिसमें बड़ी संख्या में किसानों ने हिस्सा लिया.
शिविर में प्राधिकरण की टीम ने किसानों की पात्रता से संबंधित दस्तावेज जमा कराए.
दरअसल, किसानों की मांगों पर अमल करने के लिए शासन ने राजस्व परिषद के चेयरमैन की अध्यक्षता में मेरठ मंडलायुक्त और जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर की अध्यक्षता में समिति का गठन किया है. समिति ने अपनी रिपोर्ट सब्मिट कर दी है. इस समिति की सिफारिशों पर अमल करने के लिए 7 दिसंबर को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार ने प्राधिकरण, पुलिस व प्रशासन के साथ बैठक कर निर्देश दिए.
मुख्य सचिव के निर्देशों के मद्देनजर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने भूलेख विभाग को किसानों की पात्रता तय करने के लिए गांवों में तत्काल शिविर लगाने को कहा है. भूलेख विभाग की टीम ने गांवों में जाकर पात्रता निर्धारित करने की कार्रवाई शुरू कर दी है. 62 गांवों में 3,500 से अधिक किसानों की पात्रता तय करने का अभियान शुरू कर दिया गया है.
शनिवार को लुक्सर और किराचपुर में शिविर लगाया गया. पात्रता तय करने के लिए किसानों से नक्शा-11, आधार प्रमाणपत्र, आवेदन और मूल किसान के जीवित न रहने पर वारिसान प्रमाणपत्र आदि कागजात लिए गए. आबादी भूखंडों के लिए वही किसान पात्र होगा, जिसका नाम 28 जनवरी 1991 की खतौनी में दर्ज हो और वह यहां का मूल निवासी हो.
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसडीएम भूलेख राम नयन सिंह ने बताया कि सभी गांवों में शिविर लगाए जाएंगे.
उन्होंने बताया कि किसान न सिर्फ पात्रता निर्धारण, बल्कि लीज डीड से जुड़े प्रकरण भी टीम के समक्ष रख सकते हैं. टीम की सिफारिशों के आधार पर आबादी भूखंडों का प्रकाशन और अन्य प्रक्रिया पूरी की जाएगी. प्राधिकरण की कोशिश है कि पात्रता प्रक्रिया को पूरी कर किसानों को आबादी भूखंडों का आवंटन शीघ्र कर दिया जाए.
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पीकेटी/एबीएम