मुंबई, 24 अप्रैल . भारत के गैस-बेस्ड इकोनॉमी के विजन के तहत एस्सार वेंचर ‘ग्रीनलाइन मोबिलिटी सॉल्यूशंस लिमिटेड’ ने टायर रीइन्फोर्समेंट टेक्नोलॉजी में ग्लोबल लीडर ‘बेकेर्ट’ के साथ साझेदारी का हाथ बढ़ाया है. यह साझेदारी रोड लॉजिस्टिक्स को डीकार्बोनाइज करने से जुड़ी है.
‘ग्रीनलाइन मोबिलिटी सॉल्यूशंस लिमिटेड’ भारत में एलएनजी और इलेक्ट्रिक-पावर्ड हैवी कमर्शियल ट्रकों का एकमात्र ग्रीन लॉजिस्टिक्स ऑपरेटर है.
इस साझेदारी की शुरुआत ग्रीनलाइन के एलएनजी-पावर्ड ट्रक को बेकेर्ट के रंजनगांव प्लांट में लाने के साथ की गई है, जो एक पायलट फेज की शुरुआत है. इसका उद्देश्य बेकेर्ट के लॉजिस्टिक्स ऑपरेशन के कार्बन फुटप्रिंट को कम करना है.
प्रत्येक ग्रीनलाइन एलएनजी ट्रक से सालाना 24 टन तक सीओटू उत्सर्जन कम होने की उम्मीद है, जिससे बेकेर्ट के वर्ष 2050 तक कार्बन नेट-जीरो बनने और सस्टेनेबल सॉल्यूशन से 65 प्रतिशत बिक्री लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी.
इस साझेदारी पर टिप्पणी करते हुए ग्रीनलाइन मोबिलिटी सॉल्यूशंस लिमिटेड के सीईओ आनंद मिमानी ने कहा, “बेकेर्ट के साथ हमारी साझेदारी बड़े पैमाने पर सस्टेनेबिलिटी को आगे बढ़ाने के लिए फॉरवर्ड-थिंकिंग कॉरपोरेट्स की बढ़ती प्रतिबद्धता को दर्शाती है. ग्रीनलाइन में हमें ग्रीन ट्रक उपलब्ध करवाने और एक इंटीग्रेटेड इकोसिस्टम (एलएनजी रिफ्यूलिंग से लेकर रीयल-टाइम टेलीमैटिक्स तक) की पेशकश करने पर गर्व है. यह हमारे भागीदारों को उनके नेट जीरो लक्ष्यों को प्राप्त करने में सशक्त बनाता है.”
बेकेर्ट के प्रोक्योरमेंट ऑपरेशंस लीड, साउथ एशिया और प्रोक्योरमेंट ग्लोबल शेयर्ड सर्विस सेंटर लीड, दिनेश मुखेडकर ने कहा, “सेफ, स्मार्ट और सस्टेनेबल सॉल्यूशन में आगे रहने की हमारी महत्वाकांक्षा के अनुरूप लॉजिस्टिक्स को डीकार्बोनाइज करना एक जरूरी कदम है. यह हमारे उद्देश्य ‘नई संभावनाओं की तलाश और स्थापना’ को लेकर भी अहम है. यह साझेदारी ईएसजी सिद्धांतों को लेकर हमारी प्रतिबद्धता और लॉन्ग-टर्म सस्टेनेबिलिटी लक्ष्यों को प्राप्त करने में मददगार होगी.”
ग्रीनलाइन के एलएनजी-पावर्ड ट्रक के बढ़ते बेड़े ने पहले ही 40 मिलियन किमी से अधिक की दूरी तय कर ली है, जिससे 10,000 टन से अधिक सीईओ उत्सर्जन को कम करने में मदद मिली.
कंपनी 10,000 से अधिक एलएनजी और ईवी ट्रकों को लाने की योजना पर काम कर रही है, जिसे 100 एलएनजी रिफ्यूलिंग स्टेशनों, ईवी चार्जिंग हब और बैटरी स्वैपिंग सुविधाओं के राष्ट्रीय नेटवर्क का समर्थन मिलेगा. कंपनी का लक्ष्य सालाना 1 मिलियन टन कार्बन उत्सर्जन में कमी लाना है.
–
एसकेटी/एबीएम