ग्रेटर नोएडा, 4 मार्च . अपने साथियों के साथ जेल में बंद पत्रकार पंकज पराशर पर एक और मुकदमा दर्ज होने की सूचना मिली है.
पुलिस के मुताबिक, 31 जनवरी को थाना सूरजपुर में पीड़ित वीरेन्द्र ने एक शिकायत दर्ज करवाई थी. उसने आरोप लगाया था कि राजेंद्र नाम के व्यक्ति ने मृतक सुकेश जौहरी का प्लॉट फर्जी तरीके से अपने नाम करवा लिया था. जब उसने धोखाधड़ी की शिकायत की, तो राजेंद्र और उसकी पत्नी पूनम ने उसे जान से मारने की धमकी दी और अवैध रूप से रंगदारी वसूली करने लगे. इसके अलावा, उन्हें पंकज पराशर द्वारा डराया-धमकाया गया कि यदि पैसा नहीं दिया, तो वह झूठी खबर चैनल पर चलवाकर और शूटर भेजकर उनकी हत्या करा देंगे.
पुलिस ने आरोपों के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया है. जांच के दौरान पुलिस ने एक संगठित अपराधी गिरोह का खुलासा किया, जिसका मुख्य लीडर रवि काना उर्फ रविंदर नागर है. यह गिरोह पत्रकारिता का सहारा लेकर समाज के सामान्य लोगों से अवैध रूप से रंगदारी वसूलता था. गिरोह के सदस्य अपनी कंपनियों और निजी बैंक खातों के जरिए करोड़ों रुपये की अवैध उगाही कर रहे थे.
पुलिस ने इस मामले में गहन जांच शुरू कर दी है. गिरोह के सदस्य पंकज पराशर और महिला आरोपी पूनम को गिरफ्तार कर लिया गया है. पंकज पराशर द्वारा कई चैनलों पर लिंक डालकर अवैध तरीके से पैसे वसूले जा रहे थे. इसके अलावा, अन्य पीड़ितों से भी धमकाकर पैसे वसूले गए, जिसमें संतपाल सिंह द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर अलग से मामला पंजीकृत किया गया है.
पुलिस ने बताया कि आरोपी राजेंद्र के खिलाफ पहले से कई गंभीर मामलों में एफआईआर दर्ज हैं, जिनमें धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल और रंगदारी की वसूली शामिल है. वहीं, पंकज पराशर भी कई आपराधिक मामलों में संलिप्त पाया गया है, जिसमें गैंगस्टर एक्ट, रंगदारी वसूलने और झूठी खबरें फैलाने के आरोप शामिल हैं.
पुलिस ने इस गिरोह की जांच के साथ-साथ अन्य मामलों की भी गहनता से जांच शुरू कर दी है और अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी की प्रक्रिया जारी है.
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पीकेटी/एकेजे