ग्रेटर नोएडा, 5 जुलाई . ग्रेटर नोएडा की बिसरख थाना पुलिस ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश करते हुए तीन शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है, जो बड़े नोट के बदले ज्यादा अमाउंट में छोटे नोट देने के नाम पर लाखों की ठगी कर फरार हो गए थे. इनके पास से तीन लग्जरी गाड़ियां और कैश भी बरामद हुए हैं.
पीड़ित ने शिकायत में बताया था कि उसकी दोस्ती विवेक मिश्रा से हुई. ये लोग आपस में व्यापार भी करते थे. विवेक मिश्रा और पवन कुमार मिश्रा भी दोस्त थे. पवन कुमार मिश्रा भी गाजियाबाद में लॉजिस्टिक का कार्य करता है और क्रॉसिंग रिपब्लिक में ही रहता है.
पवन कुमार मिश्रा ने पीड़ित और विवेक मिश्रा को अपने अन्य साथियों लोकेश मिश्रा उर्फ अनिल और अरमान से मिलवाया था. जिसके बाद इन लोगों ने पीड़ित को बताया कि यदि वह 500-500 की बड़ी नोट में 10 लाख रुपए देगा तो उसे 100 और 200 की छोटी नोट के रूप में 12 लाख रुपए वापस मिलेंगे.
पीड़ित ज्यादा लाभ कमाने के लालच में फंस गया और इनकी बातों में आकर उसने अपने साथी विवेक मिश्रा के साथ 1 जुलाई को चेरी काउंटी बिसरख स्थित पेट्रोल पंप के पास पहुंचकर दस लाख रुपए पवन कुमार मिश्रा और लोकेश को दिखाने लगे. इसके बाद लोकेश मिश्रा उर्फ अनिल, अरमान, संजीव, पवन मिश्रा ने चकमा दिया और रुपए लेकर फरार हो गए.
पुलिस ने आरोपी लोकेश मिश्रा उर्फ अनिल, पवन कुमार मिश्रा और संजीव को घटना में इस्तेमाल तीन गाड़ियों के साथ गिरफ्तार किया. वहीं, 4.83 लाख रुपए भी जब्त किए गए.
पुलिस ने बताया कि आरोपी लोकेश मिश्रा उर्फ अनिल, अरमान, संजीव और पवन मिश्रा ने एक गैंग बनाया था. इस गैंग में पवन मिश्रा अमीर लोगों से संपर्क करता था और मुनाफा कमाने का झांसा देकर ठगी करता था. इस गैंग के आरोपी लोकेश के पास तीन वाहन हैं, जिनका प्रयोग ठगी में किया जाता था.
लोकेश गाजियाबाद और झांसी में जेल भी जा चुका है. इसी गैंग का सदस्य पवन कुमार मिश्रा लॉजिस्टिक का व्यापार करता था. इस पूरे गिरोह का मुखिया लोकेश मिश्रा उर्फ अनिल है.
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पीकेटी/एबीएम