ग्रेटर नोएडा : डेढ़ साल की मासूम के अपहरण का खुलासा, महिला समेत दो गिरफ्तार

ग्रेटर नोएडा, 22 मार्च . ग्रेटर नोएडा की बिसरख पुलिस ने डेढ़ वर्षीय मासूम बच्ची के अपहरण का सनसनीखेज मामला सुलझा लिया है. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और गहन खोजबीन के आधार पर बच्ची को सकुशल बरामद कर लिया. इस मामले में एक महिला सहित दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.

दरअसल, आरोपी महिला और उसके साथी ने बच्चा नहीं होने की वजह से इस अपराध को अंजाम दिया था. पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए कई राज्यों और जिलों में 150 से अधिक ईंट-भट्ठों पर दबिश दी और 150 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली. इस गहन प्रयास के बाद मात्र पांच दिनों में पुलिस ने बच्ची को सकुशल बरामद कर लिया.

पुलिस के मुताबिक, घटना 16 मार्च की है. शिकायतकर्ता, जो यूसुफपुर चक शाहबेरी में किराए पर रहती हैं, ने 18 मार्च को बिसरख थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. उन्होंने बताया कि 14जी एवन्यू, गौर सिटी में सफाई का कार्य करने वाली रेनू और दिनेश उनकी डेढ़ वर्षीय पुत्री को बिना बताए कहीं ले गए हैं. इस आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की.

पुलिस टीम ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले, जिसमें आरोपी महिला रेनू को बच्ची के साथ जाते हुए देखा गया. जांच के दौरान यह भी पता चला कि रेनू और दिनेश पहले ईंट-भट्टों पर काम कर चुके थे.

इस जानकारी के आधार पर पुलिस टीम ने कासगंज, अलीगढ़, संत कबीर नगर, गाजियाबाद, राजस्थान और हरियाणा के विभिन्न ईंट-भट्ठों पर छापेमारी की. आखिरकार, सूचना मिली कि हरियाणा के भिवानी जिले के खोडी क्षेत्र में एक महिला और पुरुष एक छोटी बच्ची के साथ देखे गए हैं.

पुलिस ने 22 मार्च को बिसरख के आम्रपाली रिवर व्यू सोसायटी से दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर बच्ची को सकुशल बरामद कर लिया. पूछताछ में रेनू ने बताया कि उसकी उम्र 44 वर्ष है और उसकी शादी 25 साल पहले अलीगढ़ के राजवीर से हुई थी. उसके चार बच्चे हैं. लेकिन, चार साल पहले उसकी मुलाकात दिनेश (28) से हुई और दोनों के बीच प्रेम संबंध बन गए.

इसके बाद रेनू अपने पति और बच्चों को छोड़कर दिनेश के साथ नोएडा आकर रहने लगी. नोएडा में सफाईकर्मी के रूप में काम करने के दौरान उसकी अपहृत बच्ची की मां से दोस्ती हो गई. रेनू और दिनेश को संतान नहीं थी, जिससे दुखी होकर दोनों ने 16 मार्च को मौका पाकर बच्ची का अपहरण कर लिया और हरियाणा के ईंट-भट्ठे में जाकर छिप गए. पुलिस से बचने के लिए उन्होंने मोबाइल और सिम कार्ड भी नष्ट कर दिए थे.

डीसीपी सेंट्रल नोएडा ने बच्ची को सुरक्षित बरामद करने वाली पुलिस टीम को 25,000 रुपए के पुरस्कार से सम्मानित किया है.

पीकेटी/एबीएम