बिहार के गया में सेना के जांबाज तैयार, 26वीं पासिंग आउट परेड की भव्य तैयारी

गया, 3 मार्च . भारतीय सेना में शामिल होने जा रहे 170 अफसर कैडेट्स के लिए 8 मार्च का दिन ऐतिहासिक होने वाला है. बिहार के गया स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (ओटीए), अपनी 26वीं पासिंग आउट परेड की तैयारी में जुटा है. यह परेड उन युवा योद्धाओं की कठिन मेहनत और अनुशासन की प्रतीक होगी, जिन्होंने ओटीए में कड़े प्रशिक्षण से गुजरकर भारतीय सेना का हिस्सा बनने का गौरव हासिल किया है.

ओटीए गया की इस भव्य परेड में भारत के भविष्य के सैन्य नेतृत्व की झलक देखने को मिलेगी. भारतीय सेना के नवोदित अफसर देश की रक्षा में अपना सब कुछ झोंकने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. इस बार पासिंग आउट परेड से शॉर्ट सर्विस कमीशन (टेक्निकल एंट्री) पुरुष 62वीं बैच और महिला 33वीं बैच के कैडेट्स पास आउट होंगे. ये युवा अपने कठिन प्रशिक्षण, साहस और संकल्प के बल पर इस मुकाम तक पहुंचे हैं.

पासिंग आउट परेड से पहले दो दिवसीय कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है. इनमें मल्टी-एक्टिविटी डिस्प्ले, पिपिंग सेरेमनी, शपथ ग्रहण समारोह और मुख्य परेड जैसी महत्वपूर्ण गतिविधियां शामिल हैं. खास बात यह है कि इस बार महिला कैडेट्स भी पास आउट हो रही हैं, जो भारतीय सेना में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को दर्शाती है. मल्टी-एक्टिविटी डिस्प्ले में सेना की ताकत और अनुशासन की झलक देखने को मिलेगी. इसमें जिम्नास्टिक, घुड़सवारी, स्काई डाइविंग, एरियल स्टंट, आर्मी डॉग शो और रोबोटिक म्यूल डिस्प्ले जैसी उच्च ऊर्जा वाली गतिविधियां शामिल होंगी.

इस कार्यक्रम में देशभर के कई प्रतिष्ठित सैन्य स्कूलों के छात्र, एनसीसी कैडेट्स और कई गणमान्य व्यक्ति भी भाग लेंगे.

पासिंग आउट परेड से पहले सोमवार को ओटीए के विजय ऑडिटोरियम में कमांडेंट्स अवॉर्ड सेरेमनी का आयोजन किया गया. ओटीए के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल सुकृति सिंह दहिया (सेना मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल) ने बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले कैडेट्स को सम्मानित किया. इन पुरस्कारों में स्पोर्ट्स, ड्रिल, फिजिकल ट्रेनिंग, सर्विस सब्जेक्ट्स, वेपन ट्रेनिंग और अकादमिक क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कैडेट्स को विशेष पुरस्कार दिए गए. इसके अलावा, बेस्ट परफॉर्मेंस देने वाली कंपनियों को भी ट्रॉफी दी गई.

लेफ्टिनेंट जनरल दहिया ने पास आउट होने वाले अफसरों की हौसला-अफजाई की और उन्हें जीवन में आने वाली कठिन चुनौतियों पर विजय पाने के टिप्स दिए. उनका कहना था कि सेना में हर कदम पर चुनौती होती है, लेकिन सच्चे सैनिक वही होते हैं, जो इन चुनौतियों से न घबराते हुए उन्हें पार करते हैं.

गया स्थित यह ओटीए भारतीय सेना की सबसे नई और प्रमुख प्री-कमीशनिंग ट्रेनिंग अकादमियों में से एक है. इसकी स्थापना 18 जुलाई 2011 को हुई थी. इसका प्रतीक चिन्ह दो क्रॉस तलवारों के बीच धर्मचक्र है, जो शौर्य, ज्ञान और संकल्प का प्रतीक है. ‘शौर्य, ज्ञान, संकल्प’ इसका आधिकारिक ध्येय वाक्य भी है. इस पासिंग आउट परेड में कुल 170 युवा अधिकारी भारतीय सेना के लिए तैयार होंगे. इनमें 152 पुरुष और 18 महिला कैडेट्स शामिल हैं. राज्यवार आंकड़ों के अनुसार, सबसे ज्यादा कैडेट्स उत्तर प्रदेश (25), महाराष्ट्र (22) और मध्य प्रदेश (15) से हैं.

अवॉर्ड सेरेमनी में कई कैडेट्स ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. इन कैडेट्स ने अपने कठिन परिश्रम और समर्पण से विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया. उनका योगदान न केवल अकादमिक और शारीरिक प्रशिक्षण में, बल्कि मानसिक दृढ़ता और नेतृत्व क्षमता में भी रहा. ओटीए की यह 26वीं पासिंग आउट परेड एक नई पीढ़ी के साहसी और समर्पित सैन्य अफसरों के रूप में भारतीय सेना के लिए एक और कदम आगे बढ़ाएगी.

पीएसके/एबीएण