Patna, 22 अक्टूबर . बिहार में विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने दावा किया है कि एनडीए एकतरफा और निर्णायक जीत की ओर बढ़ रहा है, जबकि विपक्षी महागठबंधन पूरी तरह बिखर चुका है.
उन्होंने कहा कि महागठबंधन के भीतर कम से कम 13 सीटों पर अंदरूनी खींचतान चल रही है, जिससे उनकी स्थिति कमजोर हो रही है.
राजीव रंजन ने तंज कसते हुए कहा कि विपक्षी दल आपस में ही सीटों के लिए लड़ रहे हैं और उनके पास न तो कोई ठोस मुद्दा है और न ही एकजुटता है.
महागठबंधन की अंदरूनी कलह को उजागर करते हुए राजीव रंजन ने कहा कि गठबंधन के दल 13 सीटों पर तथाकथित ‘फ्रेंडली फाइट’ की स्थिति में हैं. आखिर फ्रेंडली फाइट का मतलब क्या है? जब गठबंधन में तालमेल ही नहीं है, तो ऐसी स्थिति क्यों बन रही है?
Prime Minister Narendra Modi के बिहार दौरे को लेकर जेडीयू ने उत्साह जताया. राजीव रंजन ने कहा कि पीएम मोदी ने बिहार के आर्थिक विकास को नई दिशा दी है और उनका चुनावी दौरा स्वाभाविक है. उनका आना जरूरी है और इससे एनडीए को और मजबूती मिलेगी.
वहीं, बिहार Government के मंत्री अशोक चौधरी ने महागठबंधन की नाकामी पर तंज कसते हुए कहा कि गठबंधन पूरी तरह छितरा गया है. न तो उनकी कोई साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई और न ही कोई एकजुट रणनीति दिखी. इसके उलट एनडीए ने व्यवस्थित तरीके से प्रचार किया और जनता के बीच उत्साह देखने को मिल रहा है.
महागठबंधन के अंदर 13 सीटों पर फ्रेंडली फाइट को लेकर उन्होंने कहा कि क्या राहुल गांधी जनता से कहेंगे कि हमें वोट नहीं देना चाहते तो किसी और को दे दें? महागठबंधन के नेता न तो मुद्दों पर स्पष्ट हैं और न ही प्रचार में उत्साह दिखा रहे. या तो विपक्ष पहले ही हार मान चुका है या जनता उन्हें चुनाव में सबक सिखाएगी.
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एकेएस/डीएससी