Patna, 22 अक्टूबर . बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचार अभियान जोर पकड़ चुका है. इस बीच, सीट बंटवारे को लेकर उभरे तकरार को समाप्त करने के लिए Wednesday को महागठबंधन के सहयोगी दलों की सक्रियता बढ़ती नजर आ रही है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत और कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने राजद के प्रमुख लालू यादव और तेजस्वी यादव से मुलाकात की और आगे की रणनीतियों पर चर्चा की.
लालू यादव और तेजस्वी यादव से मिलने के बाद बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमने आगे की रणनीतियों और Government बनने के बाद राज्य के लोगों के लिए कैसे काम कर सकते हैं, इस पर चर्चा की. इस मामले में सारी जानकारी Thursday को दी जाएगी. उन्होंने एनडीए द्वारा महागठबंधन को निशाना बनाए जाने को लेकर कहा कि एनडीए को बताना चाहिए कि उन्होंने पिछले पांच सालों में क्या किया है. उन्होंने कहा कि एनडीए बताए चुनाव में मुद्दा क्या है. उन्होंने कहा कि हमारा गठबंधन पूरी तरह एकजुट है और जल्द सभी भ्रम समाप्त हो जाएंगे.
इधर, कांग्रेस के पर्यवेक्षक अशोक गहलोत ने कहा कि महागठबंधन एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतर रहा है. जिस विवाद को पैदा किया गया, उसमें दम नहीं है. उन्होंने कहा कि Thursday को प्रेस वार्ता होगी और सभी चीजें स्पष्ट हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि बिहार में 243 विधानसभा सीटें हैं. इतने बड़े गठबंधन में पाँच-दस सीटों पर विवाद होना कोई नई बात नहीं है. किसी भी प्रदेश में अगर गठबंधन होगा तो कुछ सीटों पर ऐसी स्थिति आती है.
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर अब तक स्थिति साफ नहीं है. बिहार में कई ऐसी सीटें हैं, जहां पर महागठबंधन में शामिल दो दलों ने अपने-अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं. ऐसी स्थिति में कार्यकर्ता भी असमंजस में हैं. इस बीच महागठबंधन में शामिल दलों द्वारा उम्मीदवारों की सूची जारी की जा रही है और उम्मीदवारों ने नामांकन का पर्चा भी दाखिल कर दिया.
बताया जा रहा है कि बिहार में 243 विधानसभा सीटें हैं, लेकिन महागठबंधन के घटक दलों द्वारा 256 प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतार दिए गए हैं. राजद ने जहां 143 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए हैं, वहीं कांग्रेस ने 61 उम्मीदवार घोषित किए हैं. विकासशील इंसान पार्टी ने 15 उम्मीदवारों की सूची जारी की है. वामपंथी दलों ने भी कई क्षेत्रों में प्रत्याशी उतार दिए हैं.
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एमएनपी/डीकेपी