जन्मदिन स्पेशल: ‘लगान’ से लेकर ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ तक, ऐसा रहा ग्रेसी सिंह का सफर

New Delhi, 19 जुलाई . हिंदी सिनेमा की चर्चित अभिनेत्री ग्रेसी सिंह ने अपनी मासूमियत, सादगी और दिलकश मुस्कान से दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई तो वहीं, चर्चित अभिनेता सुदेश बेरी ने हिंदी सिनेमा में एक से बढ़कर एक अच्छी फिल्मों में दमदार अभिनय से सबका ध्यान अपनी ओर खींचा. हिंदी सिनेमा के ये दोनों स्टार्स 20 जुलाई को अपना जन्मदिन मना रहे हैं.

ग्रेसी सिंह ने टीवी और फिल्मों में अपनी एक्टिंग से दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई. वह जब स्क्रीन पर आती थीं तो दर्शक उनकी सादगी देखकरमोहित हो जाते थे. फिल्मों में उनकी संवाद अदायगी सिंपल लेकर दिलों को भेदने वाली थी. 2001 में ब्लॉकबस्टर लगान से उन्हें खास पहचान मिली. किरदार गौरी ने उन्हें घर-घर में मशहूर कर दिया. उनकी सादगी और अभिनय को खूब सराहा गया. यह फिल्म ऑस्कर के लिए भी नामांकित हुई थी.

ग्रेसी ने मुन्ना भाई एमबीबीएस में संजय दत्त के साथ ‘डॉ. सुमन’ उर्फ ‘चिंकी’ का किरदार निभाया. उनका अभिनय दर्शकों और क्रिटिक्स को बहुत पसंद आया. उनकी मासूमियत और मुस्कान इस फिल्म की हाइलाइट थी.

20 जुलाई 1980 को जन्मी ग्रेसी सिंह एक प्रशिक्षित भरतनाट्यम और ओडिसी नृत्यांगना भी हैं. ग्रेसी ने अपने करियर की शुरुआत मॉडलिंग और टेलीविजन से की थी. उन्होंने हिंदी के अलावा तेलुगु, पंजाबी, मलयालम, कन्नड़, मराठी, गुजराती और बंगाली फिल्मों में भी काम किया है.

20 जुलाई को ही सुदेश बेरी का भी जन्मदिन है. बेरी को टीवी धारावाहिकों में उनके दमदार अभिनय के लिए जाना जाता है. उन्होंने बॉर्डर में सुबेदार मथुरा दास और एलओसी कारगिल में यादगार किरदार निभाए जो दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हुए.

फिल्मों के विशेषज्ञ के अनुसार, सुदेश बेरी एक शानदार अभिनेता हैं. लेकिन, उनसे एक बड़ी भूल तब हुई जब उन्होंने 1993 में यश चोपड़ा की फिल्म डर में मुख्य खलनायक का किरदार ठुकरा दिया था, जो बाद में शाहरुख खान ने निभाया. इस फैसले को उनके करियर की एक बड़ी भूल माना जाता है, क्योंकि डर ने शाहरुख को रातोंरात स्टार बना दिया.

सुदेश बेरी आज भी टीवी और फिल्मों में सक्रिय हैं और अपनी बहुमुखी अभिनय शैली के लिए प्रशंसकों के बीच लोकप्रिय हैं.

डीकेएम/केआर