चेन्नई, 21 अप्रैल . द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) प्रवक्ता टीकेएस एलंगोवन ने तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवहेलना करने और शिक्षा व्यवस्था को कमजोर करने का आरोप लगाया है.
से बातचीत में एलंगोवन ने कहा कि राज्यपाल की गतिविधियां सुप्रीम कोर्ट का अपमान हैं और भाजपा तमिलनाडु में शैक्षिक विकास को रोकना चाहती है.
एलंगोवन ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल की गतिविधियों पर फैसला सुनाया था, फिर भी वे मनमानी कर रहे हैं. यह साफ है कि वे कोर्ट का सम्मान नहीं करते. भाजपा नहीं चाहती कि तमिलनाडु के लोग शिक्षित हों. वे शिक्षा व्यवस्था को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं.”
उन्होंने राज्यपाल पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें न तो तमिलनाडु की समझ है और न ही शिक्षा का महत्व पता है.
उन्होंने दावा किया कि राज्यपाल को पहले भी एक राज्य से हटाया जा चुका है, लेकिन वे अपनी “निरर्थक” गतिविधियां जारी रखे हुए हैं.
राज्यपाल के कार्यकाल पर सवाल उठाते हुए एलंगोवन ने कहा कि उनका कार्यकाल पहले ही खत्म हो चुका है, फिर भी वे पद पर बने हुए हैं. उन्होंने राज्यपाल के पद को ही लोकतंत्र के लिए अनावश्यक बताया.
उन्होंने कहा, “लोकतंत्र में हर पद चुना हुआ होना चाहिए. राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, सभी चुने जाते हैं. लेकिन राज्यपाल केवल नियुक्त होते हैं. उन्हें सिर्फ अपने आकाओं को खुश करना पड़ता है. यह पद जनता की पसंद नहीं दर्शाता.”
एलंगोवन ने डीएमके सरकार के रुख को स्पष्ट करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री और कैबिनेट इस मुद्दे पर चर्चा कर फैसला लेंगे.
उन्होंने कहा, “हमने कानूनी रास्ता अपनाया है. सुप्रीम कोर्ट को भी इस पर गौर करना चाहिए.”
उन्होंने कहा, “2019 और 2021 में उनके गठबंधन के बावजूद डीएमके जीती थी. हमें जीत की चिंता नहीं है.”
उन्होंने डीएमके के दिवंगत नेता अन्नादुराई का हवाला देते हुए कहा कि राज्यपाल का पद खत्म कर देना चाहिए.
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एसएचके/केआर