योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय हो : राज्यपाल पटेल

Bhopal , 5 अगस्त . राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि Chief Minister दुधारू पशु प्रदाय योजना के प्रत्येक चरण के क्रियान्वयन में गंभीरता रखें. पात्र हितग्राही को योजना का लाभ दिया जाए. योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय हो. विभागीय अधिकारी समय-समय पर हितग्राहियों से संवाद करें. उनके घर जाकर योजना से मिल रहे लाभों की वास्तविक जानकारी लें. हितग्राहियों की कठिनाईयों को गंभीरतापूर्वक सुनकर समाधान करें.

राज्यपाल पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अंतर्गत संचालित Chief Minister दुधारू पशु प्रदाय योजना की समीक्षा कर रहे थे. राजभवन के जवाहर खंड सभाकक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक में पशुपालन एवं डेयरी विभाग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन पटेल भी मौजूद रहे.

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि Chief Minister दुधारू पशु प्रदाय योजना अति पिछड़ी जनजातियों के कल्याण की महत्वाकांक्षी योजना है. यह बैगा, भारिया और सहारिया जनजातियों के जीवन स्तर को बेहतर करने वाली योजना है. पशुपालन विभाग पात्र और गरीब हितग्राहियों के लिए विशेष संवेदनशील रहे. उनके लिए हमेशा मदद के भाव के साथ काम करें.

राज्यपाल ने बैठक में Chief Minister दुधारू पशु योजना के विगत तीन वर्षों के क्रियान्वयन की विस्तृत समीक्षा की. उन्होंने योजना के क्रियान्वयन से हितग्राहियों के जीवन स्तर में हुए सुधार की जानकारी ली. योजना के प्रगति प्रतिवेदन की समीक्षा के दौरान हितग्राही चयन, पशु प्रदाय, आय, लक्ष्य एवं पूर्ति संबंधी जरूरी निर्देश दिए.

पशुपालन एवं डेयरी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन पटेल ने कहा कि योजना की सफलता के लिए सतत मॉनिटरिंग आवश्यक है. विभाग इसके लिए आवश्यक व्यवस्था बनाए. जनजातीय प्रकोष्ठ के अध्यक्ष दीपक खांडेकर ने योजना के तहत हितग्राही को जरूरी प्रशिक्षण प्रदाय, पशु की देखभाल आदि पर चर्चा की. पशुपालन एवं डेयरी प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव ने योजना की पात्रता, मूल्यांकन, आगामी लक्ष्य, प्रशिक्षण और प्रबंधन आदि बिंदुओं पर जानकारी दी.

बैठक में राज्यपाल के प्रमुख सचिव डॉ. नवनीत मोहन कोठारी, पशुपालन एवं डेयरी विभाग के सचिव डॉ. सत्येन्द्र सिंह, संचालक डॉ. पी.एस. पटेल, प्रबंध संचालक डॉ. सत्यनिधि शुक्ला, डॉ. संजय गोवानी, महाप्रबंधक असीम निगम सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

एबीएम/डीएससी