राज्यपाल आनंद बोस का मुर्शिदाबाद में हिंसा पीड़ितों से मिलना बंगाल सरकार के लिए करारा तमाचा : विनोद बंसल

नई दिल्ली, 18 अप्रैल . विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस के मुर्शिदाबाद में हिंसा पीड़ित हिंदुओं से मिलने के कदम की सराहना करते हुए इसे राज्य सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए एक करारा तमाचा करार दिया.

विनोद बंसल ने शुक्रवार को समाचार एजेंसी से कहा कि राज्यपाल का यह कदम राज्य के प्रमुख के रूप में जनता के प्रति उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है. साथ ही यह राज्य सरकार की नाकामी को भी उजागर करता है. यह हिंसा विदेशी साजिश का हिस्सा हो सकती है, जैसा कि खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संकेत दिया था. क्या राज्य पुलिस इस तरह की गंभीर घटनाओं की निष्पक्ष जांच करने में सक्षम है? उन्होंने मुर्शिदाबाद हिंसा की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) या केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने की मांग की.

उन्होंने कहा कि विहिप ने इस मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका भी दायर की है, जिस पर सोमवार को सुनवाई होने की संभावना है. याचिका में एनआईए या सीबीआई जांच की मांग के साथ-साथ हिंदुओं पर हुए अत्याचारों की व्यापक जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है. हमारी मांग है कि जांच की रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी जाए और पीड़ितों को न्याय मिले.

विहिप ने इसी मुद्दे पर शनिवार 19 अप्रैल को देशव्यापी प्रदर्शन की घोषणा की है. इन प्रदर्शनों के माध्यम से संगठन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को जिला अधिकारियों और अन्य प्रशासनिक माध्यमों से ज्ञापन सौंपेगा. इस ज्ञापन में पश्चिम बंगाल में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को देखते हुए राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की जाएगी.

विनोद बंसल ने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है. राज्य सरकार हिंदुओं की सुरक्षा और उनकी संपत्ति की रक्षा करने में असमर्थ है. ऐसी स्थिति में राष्ट्रपति शासन ही एकमात्र समाधान है. उन्होंने हिंसा पीड़ित हिंदुओं को तत्काल मुआवजा देने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार “इस्लामिक जिहादियों और उनके समर्थकों” को संरक्षण देना बंद करे और जनता के हित में कदम उठाए.

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