सरकार की इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण पीएलआई विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता खत्‍म करेगी, रोजगार सृजित करेगी

नई दिल्ली, 6 मई . सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण के लिए मानक बनाने की कवायद शुरू कर दी है. उद्योग हितधारकों ने सोमवार को कहा कि यह कदम ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाने व निर्यात को और बढ़ाने के लिए एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा.

आईटी मंत्रालय ने इलेक्ट्रॉनिक्स घटक क्षेत्र के लिए उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना तैयार करने के लिए विभिन्न हितधारकों से उनके दृष्टिकोण मांगे हैं.

विशेषज्ञों ने कहा कि इस कदम से मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) की अपने उत्पादों के लिए विभिन्न घटकों और उप-असेंबली की खरीद के लिए चीन और वियतनाम जैसे देशों पर निर्भरता कम हो जाएगी.

ऑप्टिमस इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रबंध निदेशक ए. गुरुराज ने को बताया, “ऑप्टिमस इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड देश में संपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक्स पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए सरकार के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है.”

गुरुराज ने कहा, “हम देश में इलेक्ट्रॉनिक घटक विनिर्माण के लिए पीएलआई योजना का विस्तार करने के सरकार के प्रस्ताव का स्वागत करते हैं, जो वास्तव में आत्मनिर्भर भारत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा.”

सरकार के इस कदम से हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा होंगे.

पिछले 10 वर्षों में, जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम शुरू किया है, लाखों नई नौकरियां पैदा हुई हैं.

अकेले इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में लगभग 12 लाख नई नौकरियां पैदा हुई हैं, क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण 100 अरब डॉलर से अधिक तक पहुंच गया है.

सुपर प्लास्ट्रोनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (एसपीपीएल) के सीईओ अवनीत सिंह मारवाह ने को बताया कि यह कदम घरेलू घटक विनिर्माण को बढ़ावा देने का वादा करता है, जो ‘मेक इन इंडिया’ पहल को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

मारवाह ने बताया, “इस समय हम विभिन्न देशों से प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक घटकों की आउटसोर्सिंग पर बहुत अधिक निर्भर हैं. हालांकि, इन-हाउस विनिर्माण की शुरुआत के साथ हम दो महत्वपूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए खड़े हैं : अधिक प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण के माध्यम से बढ़ी हुई प्रतिस्पर्धात्मकता और हमारी आपूर्ति श्रृंखला के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना.“

विशेषज्ञों के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए पीएलआई योजना निस्संदेह गेम चेंजर है.

उन्होंने आगे कहा, “हमने एक प्रमुख कंपनी को अपने सेमीकंडक्टर प्लांट का उद्घाटन करते हुए देखा है, जबकि अन्य कंपनियां भी इस उभरते पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए तेजी से इसका अनुसरण कर रही हैं.”

मार्केट इंटेलिजेंस फर्म सीएमआर में इंडस्ट्री इंटेलिजेंस ग्रुप के प्रमुख प्रभु राम ने को बताया कि इलेक्ट्रॉनिक घटकों के निर्माण के लिए पीएलआई योजना का विस्तार भारत के घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स पारिस्थितिकी तंत्र में एक महत्वपूर्ण बाधा – विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता को खत्‍म करने के लिए एक रणनीतिक कदम है.

राम ने को बताया, “इस नीति का लक्ष्य घरेलू विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ावा देना और समय के साथ देश के भीतर मजबूत अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम क्षमताओं के साथ एक अधिक लचीली एंड-टू-एंड इलेक्ट्रॉनिक्स मूल्य श्रृंखला बनाना है, ताकि स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहन मिल सके.”

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