उत्तर प्रदेश : परिषदीय विद्यालयों में पढ़ रहीं दिव्यांग बेटियों को सशक्त बनाएगी सरकार

Lucknow, 28 जुलाई . उत्तर प्रदेश में 26,215 दिव्यांग छात्राओं को समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत 200 प्रतिमाह की दर से अधिकतम 10 माह तक वृत्तिका प्रदान करने हेतु कुल 5.24 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है. यह निर्णय India Government के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की नौ अप्रैल, 2025 की बैठक में अनुमोदित हुआ था, जिसके क्रम में योगी Government ने इसका त्वरित क्रियान्वयन सुनिश्चित किया है.

बता दें कि Chief Minister योगी आदित्यनाथ ने अनेक अवसरों पर स्पष्ट किया है कि प्रत्येक बालिका को शिक्षा का अधिकार है और प्रत्येक दिव्यांग छात्रा को गरिमा के साथ आगे बढ़ने का अवसर देना Government की नैतिक जिम्मेदारी है. प्रदेश Government इस योजना को डी.बी.टी. के माध्यम से लागू कर रही है, ताकि प्रत्येक लाभार्थी तक सहायता बिना किसी बिचौलिए के सीधे पहुंचे. समस्त धनराशि छात्राओं के माता-पिता या अभिभावकों के बैंक खातों में भेजी जाएगी.

इसके तहत प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं कम्पोजिट विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक अध्ययनरत वे छात्राएं पात्र होंगी, जिनके पास किसी सक्षम चिकित्सा बोर्ड द्वारा जारी न्यूनतम 40 फीसदी दिव्यांगता प्रमाण-पत्र होगा. इन छात्राओं को अधिकतम 10 माह तक 200 प्रतिमाह की दर से वृत्तिका दी जाएगी.

यह पूरी प्रक्रिया प्रेरणा, समर्थ एवं पीएफएमएस पोर्टलों के माध्यम से पूर्णतः डिजिटल, पारदर्शी और सत्यापित तकनीकी प्रणाली के तहत संचालित होगी. योजना से संबंधित समस्त व्यय मैनुअल-2024 के वित्तीय नियमों तथा क्रय निर्देशों के अनुसार किया जाएगा. दोहरा भुगतान या मद विचलन पाए जाने पर संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी. सभी बिल-वाउचर और लेखा विवरण की सघन निगरानी होगी और समस्त भुगतान 30 सितंबर तक हर हाल में पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं.

हर जनपद में पात्रता की जांच और सत्यापन हेतु जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति गठित की गई है, जिसमें वित्तीय और शैक्षिक अधिकारी सम्मिलित होंगे. यह समिति लाभार्थियों की अंतिम सूची को तैयार कर, डिजिटल सत्यापन के उपरांत पीएफएमसी पोर्टल पर अपलोड करेगी.

बेसिक शिक्षा के राज्यमंत्री संदीप सिंह ने कहा कि Chief Minister योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हमारी Government की सर्वोच्च प्राथमिकता बेटियों की शिक्षा और सशक्तीकरण है. यह वृत्तिका उन दिव्यांग बेटियों के लिए एक मजबूत सहारा बनेगी, जिनके सपने उनके शारीरिक हालात से कहीं बड़े हैं. यह केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि शिक्षा में समान अवसर, गरिमा और संवेदनशील शासन व्यवस्था का परिचायक है. हर वर्ग, हर बच्ची और हर परिवार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है.

विकेटी/एएस