सरकार को वक्फ संशोधन विधेयक पर पीछे नहीं हटना चाहिए : देवकीनंदन ठाकुर

मथुरा, 29 मार्च . ‘ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन’ (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध पर देवकीनंदन महाराज ने कहा है कि सरकार को इस विधेयक पर पीछे हटने की जरूरत नहीं है.

असदुद्दीन ओवैसी के वक्फ संशोधन बिल के विरोध पर गृह मंत्री अमित शाह ने भी पलटवार किया है.

देवकीनंदन ठाकुर ने अमित शाह का समर्थन करते हुए कहा, “सरकार को बिल्कुल भी पीछे नहीं हटना चाहिए. वक्फ बोर्ड के नाम पर हम पाकिस्तान दे चुके हैं. मथुरा में आप देख रहे हैं कि किस तरीके से हाईवे पर कब्जा कर रखा है, मथुरा प्रशासन को भी सोचना चाहिए. ऐसा नहीं है कि जब सनातनी लोग बोलेंगे, तभी आप कुछ करेंगे. प्रशासन में बैठे लोग भी उचित निर्णय ले सकते हैं.”

उन्होंने कहा, “हम सनातन बोर्ड की मांग कर रहे हैं, ताकि हमारी जगह बची रहे. हमारे मंदिर और तीर्थ स्थल बचे रहने चाहिए. हम इन चीजों को भोग रहे हैं. यह सरकार अच्छा कर रही है. देर आए, दुरुस्त आए. जो लोग सनातनी होकर वक्फ संशोधन विधेयक को गलत बता रहे हैं, उन्हें सोचना चाहिए कि जब भविष्य में इतिहास लिखा जाएगा, तो उनका नाम किस संदर्भ में आएगा.”

ओवैसी के इस बयान पर कि ‘एनडीए के घटक दल भाजपा को हमारे शरीयत पर हमला करने के लिए शक्ति दे रहे हैं’, देवकीनंदन ठाकुर ने कहा, “ओवैसी को यह भी याद रखना चाहिए कि जो ओवैसी के पक्ष में वोट करेंगे, उन्हें भी सनातनी हिंदू कभी माफ नहीं करेंगे. उन्हें वोट देने वाले एक तरह से परमिशन दे रहे हैं कि वे लोग भारत पर धीरे-धीरे कब्जा कर लें. जब वक्फ बोर्ड बना, उस समय उसके पास कितनी जमीन थी और आज कितनी जमीन है?”

उल्लेखनीय है कि असदुद्दीन ओवैसी वक्फ संशोधन विधेयक-2024 के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रदर्शन को सही ठहरा रहे हैं. इससे पहले मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा था कि यह विधेयक मुस्लिमों की धार्मिक आजादी पर हमला है. ओवैसी ने आरोप लगाया कि यह बिल वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को सदस्य बनाकर इसके प्रशासन में बाधा डालता है, जो संविधान के अनुच्छेद 14, 26 और 225 का उल्लंघन है.

एससीएच/एकेजे