नई दिल्ली, 27 फरवरी . निवेशक और इन्फो एज के संस्थापक संजीव बिखचंदानी ने मंगलवार को कहा कि विभिन्न सरकारी योजनाओं ने भारतीय उद्यम पूंजी (वीसी) उद्योग को घरेलू स्टार्टअप को बढ़ावा देने और बढ़ाने के लिए रफ्तार दी है.
भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (एसआईडीबीआई) की ‘फंड ऑफ फंड्स फॉर स्टार्टअप्स’ (एफएफएस) योजना एक ऐसी प्रमुख सरकारी पहल है, जिसका उद्देश्य देश में छोटे उद्यमों और स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता प्रदान करना है.
सरकार ने पिछले पांच वर्षों में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ने में कैसे मदद की है, इस सवाल के जवाब में बिखचंदानी ने को बताया, ”सरकार ने ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसे कार्यक्रमों और कई अन्य योजनाओं के साथ घरेलू स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के पोषण में केंद्रीय भूमिका निभाई है.”
सरकार ने जो सबसे महत्वपूर्ण काम किया है, वह ‘स्टार्टअप के लिए एसआईडीबीआई का ‘फंड ऑफ फंड’ बनाना है, जिसने भारतीय वीसी उद्योग या जोखिम पूंजी उद्योग को तैयार किया और प्रोत्साहन दिया, ताकि अब हमारे पास भारतीय पूंजी के साथ उभरते हुए स्टार्टअप हों जो वास्तव में महत्वपूर्ण हैं.
एसआईडीबीआई ने एफएफएस योजना की अपनी लेटेस्ट प्रभाव मूल्यांकन रिपोर्ट में कहा है कि इस योजना ने 938 अलग-अलग स्टार्टअप्स (30 नवंबर 2023 तक) में लगभग 17,534 करोड़ रुपये के निवेश की सुविधा प्रदान की है.
इसके अलावा, इस योजना ने उभरते सेक्टरों जैसे- डीपटेक, कृषि/कृषि समाधान, स्वास्थ्य तकनीक और वित्तीय सेवाओं में स्टार्टअप्स में निवेश किया है.
आर्थिक मामलों के विभाग ने ‘द इंडियन इकोनॉमी: ए रिव्यू जनवरी 2024’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा है कि ‘स्टार्टअप इंडिया पहल’ के तहत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त 1.14 लाख स्टार्टअप ने अक्टूबर 2023 तक 12 लाख से अधिक नौकरियां पैदा कीं.
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एफजेड/एसजीके