नई दिल्ली, 4 दिसंबर . केंद्र सरकार ने बुधवार को जानकारी दी कि स्टेट लीगल मेट्रोलॉजी डिपार्टमेंट और सरकार के पोर्टल को एक यूनिफाइड नेशनल सिस्टम में इंटीग्रेट करने की तैयारी है. इसके लिए नेशनल लीगल मेट्रोलॉजी पोर्टल (ई-एमएएपी) को डेवलप किया जा रहा है. सरकार ने बताया कि इस पोर्टल की मदद से निष्पक्ष व्यापार और उपभोक्ताओं की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सकेगा.
उपभोक्ता मामले विभाग की इस पहल का उद्देश्य लाइसेंस जारी करने, सत्यापन करने और प्रवर्तन और अनुपालन के मैनेजमेंट को आसान बनाना है.
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा कि एक सेंट्रलाइज्ड डेटाबेस बनाकर ‘ई-एमएएपी’ हितधारकों को कई राज्य पोर्टलों पर रजिस्ट्रेशन करने की जरूरत को खत्म करता है, जिससे व्यापार करने में आसानी होती है और पारदर्शिता बनी रहती है.
वर्तमान में, राज्य सरकारें पैकेज्ड वस्तुओं के रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस जारी करने और नाप-तौल इंस्ट्रूमेंट के वेरिफिकेशन/स्टैंपिंग के लिए खुद के पोर्टल का उपयोग कर रही हैं. हालांकि, प्रवर्तन गतिविधियां और अपराधों का समाधान की सुविधा ऑनलाइन नहीं मिलती है.
इसलिए, उपभोक्ता मामले विभाग सभी राज्य पोर्टलों को ‘ई-एमएएपी’ में इंटीग्रेट कर रहा है, जिसमें प्रवर्तन सहित कानूनी माप विज्ञान के सभी कार्य शामिल होंगे और यूनिफाइड डेटा बेस प्राप्त करने में मदद मिलेगी.
व्यापारियों और उद्योगों के लिए, यह अनुपालन बोझ को कम करता है, कागजी कार्रवाई को कम करता है और कानूनी माप विज्ञान अधिनियम, 2009 और उसके तहत बनाए गए नियमों के प्रावधानों का समय पर पालन सुनिश्चित करता है, जिससे एक पारदर्शी और अनुकूल कारोबारी माहौल बनता है.
सरकार ने कहा कि पोर्टल से दक्षता और जवाबदेही को बढ़ावा देकर मैन्युफैक्चरिंग को भी काफी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.
इसमें कहा गया है, “उपभोक्ताओं के लिए, ई-एमएएपी यह सुनिश्चित करता है कि व्यापार इंस्ट्रूमेंट सटीकता के लिए सत्यापित किए गए हैं, जिससे बाजार के लेन-देन में विश्वास बढ़ता है. यह एक पारदर्शी कानूनी माप विज्ञान प्रणाली प्रदान करता है, जिससे प्रमाणपत्रों तक आसान पहुंच मिलती है और अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में जागरूकता बढ़ती है.”
यह निर्णय उद्योगों और उद्योग संघों एवं राज्य कानूनी माप विज्ञान विभागों के प्रतिनिधियों जैसे प्रमुख हितधारकों को शामिल करते हुए कई परामर्शों के बाद लिया गया.
‘ई-एमएएपी’ लाइसेंस जारी करने, रिन्यू करने और संशोधन करने जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं को सरल बनाता है, साथ ही वजन और माप इंस्ट्रूमेंट, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और अपील आदि के वेरिफिकेशन और स्टैमपिंग को आसान बनाता है.
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एसकेटी/एबीएम