नई दिल्ली, 15 अक्टूबर . देश के नागरिक सुरक्षित विदेश यात्रा का आनंद ले सकें इसलिए भारत सरकार ने सोमवार को संशोधित ई-माइग्रेट पोर्टल और मोबाइल ऐप लॉन्च किया है. सरकार की इस पहल का उद्देश्य विदेश में भारतीय श्रमिकों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करते हुए उनकी आवाजाही को आसान बनाना है.
इस अवसर पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जीवन को आसान बनाने और लोगों पर केंद्रित शासन को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता पर भी प्रकाश डाला.
उन्होंने कहा, “पिछले साल, सुरक्षित और कानूनी आवागमन चैनलों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विदेश मंत्रालय ने अभियान जारी किया था. इस अभियान के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘सुरक्षित जाएं, प्रशिक्षित जाएं’ के आदर्श वाक्य पर आधारित डाक टिकट जारी किया था. आज का कार्यक्रम प्रधानमंत्री की उसी भावना को दर्शाता है.”
उन्होंने नए ई-माइग्रेट पोर्टल वी2.0 को विदेशों में भारतीय कामगारों के लिए “सुरक्षित, पारदर्शी और समावेशी आवागमन” बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया. यह पोर्टल देश के सतत विकास के लिए बनाए गए एजेंडा 2030 के लक्ष्य 10 के अनुरूप है. इसके माध्यम से व्यवस्थित, सुरक्षित और नियमित प्रवास को बढ़ावा देने का काम किया गया है.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस कार्यक्रम में इस पोर्टल के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि नया प्लेटफॉर्म महज एक डिजिटल टूल से कहीं अधिक है.
उन्होंने कहा, “यह टूल आशा की किरण है, यह विदेशी धरती पर हमारे श्रमिकों के अधिकारों और सम्मान की रक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है.”
साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत के प्रवासी श्रमिक देश की अर्थव्यवस्था और वैश्विक प्रतिष्ठा में बहुत बड़ा योगदान देते हैं, लेकिन विदेशों में उन्हें अक्सर परेशानियों का सामना करना पड़ता है. नए प्लेटफॉर्म का उद्देश्य उनकी इन चुनौतियों का समाधान करना है.
जयशंकर ने कहा, “नए पोर्टल में हमारे लोगों के तत्कालीन मुद्दों के लिए 24/7 बहुभाषी हेल्पलाइन के साथ-साथ इसके निवारण के लिए फीडबैक तंत्र भी शामिल है.”
अपडेटेड ई-माइग्रेट पोर्टल वी2.0 को डिजिलॉकर के साथ भी जोड़ा गया है, जिससे प्रवासियों को पासपोर्ट और रोजगार अनुबंध जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों को पेपर लेस फॉर्मेट में जमा करने और सुरक्षित रूप से प्राप्त और एकत्रित करने की सुविधा मिलती है.
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पीएसएम/एकेजे