महिलाओं के खातों में दस-दस हजार रुपए डालकर उनको उद्यमी बनाने का प्रयास कर रही सरकारः चिराग पासवान

बिहार, 30 सितंबर . केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान ने Tuesday को Patna के गांधी मैदान स्थित बिस्कोमौन टॉवर में क्षमता निर्माण केंद्र (सीबीसी) का औपचारिक उद्घाटन किया. इस अवसर पर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, बिहार Government के वरिष्ठ अधिकारी, उद्योग प्रतिनिधि एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के हितधारक उपस्थित रहे.

यह केंद्र Prime Minister सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) के तहत स्थापित किया गया है, जिसका उद्देश्य सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को कौशल विकास, प्रशिक्षण और हैंडहोल्डिंग सहायता प्रदान करना है.

सीबीसी की स्थापना एवं इसका संचालन राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान (निफ्टम), कुंडली द्वारा किया जा रहा है. निफ्टम, कुंडली में अनाज, दूध और दूध उत्पादों, फलों और सब्जियों एवं मांस उत्पादों के प्रसंस्करण के लिए अत्याधुनिक पायलट प्लांट हैं. इसके अलावा, संस्थान में विभागीय प्रयोगशालाएं, केंद्रीय इंस्ट्रूमेंटेशन लैब और खाद्य अनुसंधान एवं विश्लेषण केंद्र (सीएफआरए) है, जिसे एफएसएसएआई द्वारा प्राथमिक, रेफरल और राष्ट्रीय संदर्भ प्रयोगशाला के रूप में अधिसूचित किया गया है, निफ्टम का बुनियादी ढांचा और सुविधाएं पीएमएफएमई लाभार्थियों सहित विविध हितधारकों को व्यावहारिक प्रशिक्षण, कौशल विकास और इनक्यूबेशन सुविधाएं प्रदान करने के लिए सबसे उपयुक्त हैं.

Patna में सीबीसी की स्थापना बिहार में सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमियों के लिए पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करेगी, जिससे उनकी क्षमता बढ़ेगी और उन्हें क्रेडिट लिंकेज, प्रौद्योगिकी सहायता और बाजार के अवसरों तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी.

इस मौके पर चिराग पासवान ने कहा कि विपक्ष घबरा गया है और यह स्वाभाविक भी है. जिस तरह से Prime Minister Narendra Modi और Chief Minister नीतीश कुमार ने एक के बाद एक न केवल योजनाओं की घोषणाएं की हैं, बल्कि उनका उद्घाटन भी किया है. चिराग पासवान ने कहा कि हमारी Government ने कई जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने का काम किया है. विपक्षी पार्टियों को भी जनता ने पूरा मौका दिया, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया.

चिराग पासवान ने विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा कि महिलाओं को लेकर उनकी सोच सीमित थी. हर महीने किस्त देकर आप उनकी निर्भरता को बढ़ा रहे थे. आज हमारी Government महिलाओं के खातों में दस-दस हजार रुपए डालकर उनको उद्यमी बनाने का प्रयास कर रही है. Government चाहती है कि महिलाएं अपने पैर पर खड़ी हों. जब एक महिला आत्मनिर्भर बनती है तो पूरे परिवार को मजबूती मिलती है.

मोहित/डीकेपी