गांवों में हुए विकास कार्यों की ड्रोन से निगरानी करा रही सरकार, तय होगी अधिकारियों की जवाबदेही

लखनऊ, 11 नवंबर . उत्तर प्रदेश के गांवों में हो रहे विकास कार्यों की गुणवत्ता की जांच के लिए अब योगी सरकार ड्रोन तकनीक का सहारा ले रही है. गांवों में बन रहे आवास, पेयजल की सुविधा, सिंचाई से संबंधित कार्य, सड़क निर्माण, खेल के मैदान का निर्माण और पौधरोपण जैसी महत्वपूर्ण कार्यों की निगरानी के लिए सीएम योगी ने यह फैसला लिया है.

पूरे प्रदेश में इन कार्यों व मनरेगा से संबंधित कार्यों का सत्यापन करने के लिए जिला मुख्यालय पर टीमें लगाई गई हैं, जरूरत के हिसाब से इन टीमों की संख्या में बढ़ोत्तरी भी की जा सकती है. योगी सरकार के इस कदम से जहां ग्रामीण विकास कार्यों में पारदर्शिता आएगी, वहीं अधिकारियों की जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी.

सरकार का मानना है कि इस प्रकार के तकनीकी प्रयोग से न केवल विकास कार्यों में सुधार होगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में भी मदद मिलेगी. एक अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में मनरेगा योजनांतर्गत किए गए कार्यों की ड्रोन तकनीक से निरंतर निगरानी और निरीक्षण का कार्य जारी है. योगी सरकार ने इसके लिए जिलेवार निरीक्षण का निर्देश दिया है.

सीएम योगी के नेतृत्व व निर्देशन में ग्राम्य विकास विभाग की ग्रामोन्मुखी योजनाओं का क्रियान्वयन जहां बेहतर तरीके से किया जा रहा है, वहीं योजनाओं को अमलीजामा पहनाने में कहीं घालमेल न होने पाए, इसके लिए सतत रूप से निगरानी किए जाने की व्यवस्था की गई है. विकास कार्यों की ड्रोन तकनीक से वीडियोग्राफी/ फोटोग्राफी कर निगरानी का कार्य निरंतर जारी है.

राज्य मुख्यालय स्तर पर तैनात टीमों द्वारा जनपदों में जाकर कार्यों की निरंतर ड्रोन तकनीक से वीडियोग्राफी/फोटोग्राफी का कार्य किया जा रहा है. ड्रोन तकनीक से विकास कार्यों की निगरानी और निरीक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि योजनाओं का लाभ वास्तविक रूप से जनता तक पहुंचे और कार्यों की गुणवत्ता में किसी प्रकार की कमी न हो. सरकार 2023-24 में हुए विकास कार्यों का निरीक्षण करा रही है.

प्रदेश के गांवों में हो रहे विकास कार्यों के निरीक्षण के बाद जिन जिलों में कार्य तय मानक के अनुसार नहीं हुए हैं, उन जिलों के जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी. सरकार ने जिलों से संबंधित अधिकारियों को राज्य स्तरीय ड्रोन टीम का पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया है. इसके तहत मुख्य विकास अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह ड्रोन टीम को सहयोग प्रदान करने के लिए अधीनस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटी लगाना सुनिश्चित करें. इस काम में राज्य मुख्यालय स्तर पर तैनात टीमों की संख्या में भी इजाफा किया गया है.

विभाग की ओर से कहा गया है कि टीमों की संख्या बढ़ाने का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा कार्यस्थलों पर ड्रोन कैमरों की पहुंच को बढ़ाना है. जिससे कामों की पारदर्शिता और गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जा सके. इसका पहला सफल प्रयोग बांदा जनपद में किया जा चुका है.

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