नई दिल्ली, 18 सितंबर . केंद्र की मोदी सरकार ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ को बुधवार को पास कर दिया. अब इस बिल को सदन में पेश किया जाएगा. इसे लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है.
तमिलनाडु के विरुधुनगर से कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने कहा, “ये एक फेल आइडिया है. भारत की जनता ने उनको 2024 चुनाव में नकारा है. अब पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह इसके जरिए देश के लोगों का ध्यान भटकाना चाहते हैं. यह हमारी संघीय प्रकृति पर आघात है. इंडिया एलायंस इसका विरोध करता है और सदन में भी इसका विरोध होगा.”
उन्होंने कहा कि “ऐसा करना वास्तविकता से परे है और ये भारत के विविधता के खिलाफ है. भारत एक ऐसा देश है, जो विविधता और अलग-अलग राज्यों और धर्मों का सम्मान करता है. हम सभी जानते हैं कि 2024 लोकसभा चुनाव में देश की जनता ने पीएम मोदी को अस्वीकार्य किया है. इसके कारण भाजपा 303 से 240 सीटों पर आ गई.”
मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस पर अपना विचार रखेगी. देश में किसी भी सुधार के लिए यहां के नागरिक और देशभक्त कभी पीछे नहीं हटते हैं.
उन्होंने कहा कि देश में बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है. पिछले 10 साल में सरकार को उस पर काम करना चाहिए था. किसानों की आय को दोगुनी करने पर काम करना था. देश में अमीर और अमीर तथा गरीब और गरीब बनता जा रहा है.
बता दें कि केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. कैबिनेट ने रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी की रिपोर्ट को मंजूरी दी है.
रामनाथ कोविंद के नेतृत्व वाली समिति ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ को लेकर अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को पहले ही सौंप दी थी. इसमें सुझाव दिए गए हैं कि देश में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने चाहिए. इसके अलावा समिति ने सिफारिश की है कि निकाय चुनाव को भी लोकसभा और राज्य विधानसभा के संपन्न होने के बाद जल्द ही कराया जाए.
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एससीएच/