लखनऊ, 9 अक्टूबर . उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज सिंह ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से समस्त मण्डलायुक्तों, जिलाधिकारियों एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर कानून-व्यवस्था के संबंध में जरूरी निर्देश जारी किए. इस दौरान उन्होंने कहा कि भड़काऊ भाषण देकर प्रदेश का माहौल खराब करने वाले व्यक्तियों से सख्ती से निपटा जाए.
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के अलावा पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार भी बैठक में मौजूद रहे.
मुख्य सचिव मनोज सिंह ने कहा कि भड़काऊ भाषण देकर प्रदेश का माहौल खराब करने वाले व्यक्तियों से सख्ती से निपटा जाए. सोशल मीडिया पर लगातार नजर रखी जाए. साथ ही शरारती तत्वों द्वारा एक समुदाय की ओर से दूसरे समुदाय पर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी अथवा पुराने वीडियो पोस्ट कर जानबूझकर प्रदेश का माहौल खराब करने तथा किसान संगठनों की ड्रेस पहनकर टोल फ्री कराने और कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न करने की घटनाएं सामने आ रही हैं, ऐसे लोगों को चिह्नित कर कठोरतम कार्रवाई की जाए.
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में किसी भी स्थिति में साम्प्रदायिक सौहार्द्र नहीं बिगड़ने देना है. बुधवार शाम से ही पुलिस और प्रशासन की उपस्थिति सार्वजनिक स्थलों पर दिखनी चाहिए. कमिश्नर तथा एडीजी, डीएम, एसएसपी, एडिशनल एसपी और एडीएम यानी पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की अगुवाई में अलग-अलग दिन फोर्स के साथ ज्वाइंट पेट्रोलिंग की जाए. शहरों, कस्बों और खासतौर पर पंडाल लगे इलाकों में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा फ्लैग मार्च भी किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि बीट प्रणाली का रिव्यू कर इसे और सुदृढ़ बनाया जाए. पीआरवी वाहन लगातार घूमते रहें, उनकी उपस्थिति सड़कों पर दिखनी चाहिए. त्योहारों के दृष्टिगत पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के अवकाश स्वीकृत न किए जाएं.
उन्होंने कहा कि धर्मगुरुओं के साथ बैठक कर चर्चा की जाए कि वे आपत्तिजनक टिप्पणी कर दूसरे धर्म की भावनाओं को आहत न करें. इसी प्रकार किसान संगठनों के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर इस बारे में चर्चा की जाए.
मुख्य सचिव ने कहा कि विभागीय महिला एवं बालिका छात्रावासों तथा ऐसे स्थान जहां महिलाएं और लड़कियां पढ़ने और नौकरी के लिए रहती हैं, वहां सुरक्षा के समुचित इंतजाम हों.
डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन में योजनाबद्ध पुलिस प्रबंध किया जाए. जुलूस में सुरक्षा-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बॉक्स फॉर्मेट में पुलिस प्रबंध किया जाए. इसके अलावा महानवमी के दौरान मंदिरों में महिलाओं-बच्चियों की अत्यधिक भीड़ को देखते हुए जगह-जगह पर पुलिसकर्मी की तैनाती हो और मंदिरों के आसपास एंटी रोमियो स्क्वाड को सक्रिय किया जाए.
इसके अलावा डीजीपी ने विसर्जन स्थल पर मजिस्ट्रेट या पुलिस अधिकारी की तैनाती का आदेश दिया है. उन्होंने कहा कि मूर्ति विसर्जन के समय घाटों पर बैरिकेडिंग के साथ स्थानीय गोताखोर तथा राहत टीम की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. रावण दहन स्थलों पर अग्निशमन की व्यवस्था हो और रामलीला वाले स्थान पर समितियों के साथ वार्ता की जाए. रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, बाजार, शॉपिंग मॉल और भीड़भाल वाले स्थान पर सुरक्षा-व्यवस्था दुरुस्त की जाए. धार्मिक स्थलों के पास चेकिंग अभियान चलाया जाए.
उन्होंने लोकल इंटेलिजेंस यूनिट को अलर्ट पर रखने का निर्देश दिया है. निर्देश में कहा गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की राउंड द क्लॉक मॉनिटरिंग हो. साथ ही फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर और व्हाट्सएप पर भ्रामक तथा आपत्तिजनक पोस्ट करने वालों पर कार्रवाई की जाए.
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विकेटी/एफएम/एकेजे