कोलकाता, 18 मई . पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता स्थित बिकाश भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों को लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुणाल घोष ने रविवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से “गलती से” प्रभावित लोगों की मदद के लिए राज्य सरकार समीक्षा याचिका दायर करेगी.
कुणाल घोष ने यहां मीडिया से बात करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर जो लोग गलती से प्रभावित हुए हैं, वे वास्तव में कठिनाइयों और दर्द से गुजर रहे हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस समस्या को समझती हैं. राज्य सरकार इस संकट को हल करने और राहत देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका दाखिल करने पर काम कर रही है.
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हम कई दिनों से बिकाश भवन के सामने खड़े हैं. हमारी सरकार से एकमात्र मांग है कि हमें स्कूलों में हमारी योग्यता और अधिकार के अनुसार नौकरी दी जाए. ओएमआर शीट प्रकाशित की जाए, जिसमें यह स्पष्ट हो कि कौन टेंटेड (दागी) और कौन अनटेंटेड (स्वच्छ) उम्मीदवार है. अनटेंटेड शिक्षकों को स्कूलों में उचित नियुक्ति दी जाए. हम 31 दिसंबर तक सेवा देने के लिए पूरी तरह योग्य हैं. हमारी मांग है कि सरकार हमें न्याय दे और हमारी नौकरी को स्थायी करे.”
प्रदर्शनकारी ने कहा, “हमने कड़ी मेहनत और पढ़ाई के बल पर यह नौकरी हासिल की है. हम इसे यूं ही नहीं छोड़ेंगे. अगर हमारी नौकरी चली गई तो हम सड़कों पर आ जाएंगे, लेकिन यह हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. पश्चिम बंगाल सरकार को चाहिए कि वह सही कदम उठाए और हमें, शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को, जो अनटेंटेड हैं, न्याय दे. जब तक हमें हमारा हक नहीं मिलेगा, हम यहां डटे रहेंगे. यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा और अगर मांगें पूरी नहीं हुईं, तो इसका उग्र रूप और बढ़ेगा.”
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षक भर्ती में अनियमितताओं को लेकर सख्त रुख अपनाया था, जिसके बाद कई नियुक्तियां रद्द कर दी गईं. इससे प्रभावित शिक्षक लगातार बिकाश भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं और अपनी नौकरी बहाल करने की मांग कर रहे हैं.
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पीएसके/एकेजे