गोपालगंज, 13 फरवरी . बिहार के गोपालगंज जिले की एक अदालत ने करीब चार साल पुराने मामले में एके-47 की बरामदगी के केस में गैंगस्टर मुन्ना मिश्रा को 10 साल सश्रम कारावास और 50 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है.
गोपालगंज जिला अपर एवं सत्र न्यायाधीश (दशम) मानवेंद्र मिश्रा की अदालत ने गुरुवार को सरकार और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद यह सजा सुनाई. गोपालगंज सिविल कोर्ट के सहायक लोक अभियोजक जयराम साह ने बताया कि अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि मुन्ना मिश्रा जुर्माना राशि जमा नहीं करेंगे तो उन्हें छह महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी.
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2021 में मुन्ना मिश्रा को गोपालगंज पुलिस और पटना एसटीएफ ने पकड़ा था. वह एके-47 राइफल और 28 कारतूस लेकर यूपी की तरफ से बिहार आ रहा था. गिरफ्तारी के बाद कटेया थाने की पुलिस ने मुन्ना मिश्रा पर आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था. पुलिस उसे पहले से एक हत्याकांड के सिलसिले में ढूंढ रही थी. उसके यूपी की तरफ से गोपालगंज आने की खबर पर घेराबंदी कर पकड़ा गया था.
पकड़े जाने के बाद मुन्ना मिश्रा ने कई खुलासे किए थे. मामले में कटेया के तत्कालीन थानाध्यक्ष सुमन कुमार मिश्रा ने स्वलिखित बयान दर्ज किया था. उनके मुताबिक मुन्ना मिश्रा के उत्तर प्रदेश के बघौच से आने की सूचना पर कार्रवाई की गई थी. कार्रवाई में हथुआ के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के नेतृत्व में पुलिस और एसटीएफ, पटना की टीम शामिल थी.
मुन्ना मिश्रा के खिलाफ कुल 30 से ज्यादा आपराधिक मामलों में ट्रायल चल रहा है, जिसमें हत्या, रंगदारी, और अन्य गंभीर अपराधों के मामले शामिल हैं. मामले में अनुसंधानकर्ता द्वारा 17 सितंबर 2021 को आरोप पत्र समर्पित किया गया था. उसके बाद शुरू हुई गवाही के दौरान पुलिस अवर निरीक्षक छोटन कुमार, सुमन कुमार मिश्रा सहित कुल सात गवाहों की गवाही हुई.
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एमएनपी/एएस