पटना, 6 जुलाई . बिहार के प्रमुख व्यवसायी गोपाल खेमका की हत्या के बाद एक बार फिर राज्य की कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल उठने लगे हैं. इस बीच, राजद सांसद मनोज झा ने बयान दिया और बिहार की कानून-व्यवस्था पर गंभीर चिंता व्यक्त की है.
मनोज झा ने कहा, “पक्ष और विपक्ष क्या कह रहे हैं, यह छोड़ दीजिए. नेता प्रतिपक्ष ने क्या कहा, वह भी छोड़ दीजिए. महत्वपूर्ण बात यह है कि क्या कभी ऐसा कोई दिन आया है, जब बिहार की कानून-व्यवस्था सवालों के घेरे में नहीं रही हो? बिहार किसकी मर्जी से चल रहा है? क्या यह दिल्ली दरबार से चल रहा है या फिर सेवानिवृत्त अधिकारियों से?”
उन्होंने आगे कहा, “कानून अपना काम नहीं कर रहा, बल्कि कानून तोड़ने वाले खुद नया कानून स्थापित कर रहे हैं.”
गोपाल खेमका के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, “मैं उन्हें जानता था, वह मुख्यमंत्री आवास से मात्र 2.5 किलोमीटर की दूरी पर रहते थे और पुलिस थाने से 200 मीटर की दूरी पर. इस स्थिति में अगर कानून व्यवस्था नहीं संभल पा रही है, तो सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए.”
मतदाता पुनरीक्षण के मुद्दे पर बोलते हुए मनोज झा ने कहा, “लोकतंत्र का आधार मतदाता है. लोकतंत्र में सबसे पहले ‘लोक’ होता है, और आप उसी ‘लोक’ को संदेहास्पद बना रहे हैं.”
उन्होंने आगे कहा कि नेता प्रतिपक्ष के साथ मिलकर चुनाव आयोग से कई सवाल किए थे, जिनमें प्रमुख सवाल यह था कि पिछले 22 वर्षों से यह स्थिति क्यों नहीं सुधरी? उन्होंने यह भी कहा कि सरकार खुद कहती है कि 20 प्रतिशत बिहारी बाहर रहते हैं. ऐसे में सोचिए अगर वे 25 दिन में अपने दस्तावेज नहीं जमा कर पाते, तो वे अयोग्य हो जाएंगे.
उन्होंने कहा, “यह योजना लोगों को बेदखल करने के लिए बनाई गई है, जिसमें गरीब, पिछड़े, दलित और अत्यंत पिछड़े लोग सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे.”
उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया गया है. सर्वोच्च न्यायालय से आग्रह किया गया है कि इस मामले की सुनवाई करे और यह सुनिश्चित करे कि कोई छल-फरेब न हो.
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वीकेयू/एबीएम