New Delhi, 17 जून गूगल ने Tuesday को ‘सेफर विद गूगल इंडिया समिट’ के दौरान अपने नए ‘सुरक्षा चार्टर’ का अनावरण किया. इससे India के डिजिटल स्पेस को सुरक्षित बनाने में मदद मिलेगी.
यह पहल यूजर्स को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाने, जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए साइबर सुरक्षा को बढ़ावा देने और यह सुनिश्चित करने पर केंद्रित है कि एआई को जिम्मेदारी से विकसित किया जाए.
यह सुरक्षा चार्टर तीन प्रमुख लक्ष्यों के इर्द-गिर्द बना है जिसमें इंटरनेट यूजर्स को घोटालों और धोखाधड़ी से सुरक्षित रखना, Governmentों और व्यवसायों के लिए साइबर सुरक्षा को मजबूत करना और लोगों की सुरक्षा करने वाले जिम्मेदार एआई सिस्टम का निर्माण करना शामिल हैं.
पहल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा गूगल का ‘डिजिकवाच’ कार्यक्रम है, जो वित्तीय घोटालों के खिलाफ पहले ही एआई-पावर्ड प्रोडक्ट्स और जागरूकता अभियानों से 17.7 करोड़ से अधिक भारतीयों तक पहुंच चुका है.
गूगल के सिस्टम एआई के साथ और अधिक शक्तिशाली होते जा रहे हैं. इसकी सर्च अब 20 गुना अधिक घोटाले वाली वेबसाइटों की पहचान करती है और ग्राहक सेवा और Governmentी प्लेटफार्मों पर स्कैम अटैक में क्रमशः 80 प्रतिशत और 70 प्रतिशत की गिरावट आई है.
मैसेजिंग में गूगल मैसेज हर महीने 500 मिलियन से ज्यादा स्कैम टेक्स्ट को ब्लॉक कर रहा है.
India में बड़े स्तर पर इस्तेमाल किए जाने वाले गूगल पे ने संभावित धोखाधड़ी के बारे में यूजर्स को चेतावनी देने के लिए 4.1 करोड़ से ज्यादा अलर्ट भेजे हैं. इसने अकेले 2024 में 13,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी को रोकने में भी मदद की.
कंपनी के गूगल प्ले प्रोडेक्ट ने अक्टूबर 2024 में India में पायलट किए जाने के बाद से 1.3 करोड़ डिवाइस पर लगभग 6 करोड़ जोखिम भरे ऐप इंस्टॉल को ब्लॉक किया है.
गूगल बड़े पैमाने पर साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए भी काम कर रहा है. इसने खतरों का जल्द पता लगाने और उस जानकारी को दूसरी कंपनियों और Governmentी निकायों के साथ साझा करने के लिए एक नया एआई पावर्ड एप्रोच पेश किया है.
गूगल सिक्योरिटी में इंजीनियरिंग की उपाध्यक्ष हीदर एडकिंस ने बताया कि ऑनलाइन खतरे अब मशीन की गति से विकसित हो रहे हैं. एआई की सीखने, तर्क करने और बड़े पैमाने पर कार्य करने की क्षमता डिफेंडर्स को हमलावरों से पहले की तुलना में कहीं आगे रहने की अनुमति दे रही है.
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एबीएस/