अलविदा दिशोम गुरु : झारखंड आंदोलन के नायक शिबू सोरेन पंचतत्व में विलीन, पैतृक गांव में हुई अंत्येष्टि, उमड़ा जनसैलाब

रांची, 5 अगस्त . झारखंड आंदोलन के पुरोधा, पूर्व Chief Minister और राज्यसभा सांसद ‘दिशोम गुरु’ शिबू सोरेन का अंतिम संस्कार Tuesday शाम रामगढ़ जिले के उनके पैतृक गांव नेमरा में पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ संपन्न हुआ.

मुखाग्नि उनके पुत्र और Chief Minister हेमंत सोरेन ने दी. चिता धधकते ही हेमंत और उनके भाई बसंत सोरेन अपने आंसू नहीं रोक पाए. अंतिम यात्रा जैसे ही श्मशान पहुंची, मूसलाधार बारिश शुरू हो गई, लेकिन इसके बावजूद जनसैलाब पीछे नहीं हटा.

लोगों ने बारिश में भीगते हुए अपने नेता को अंतिम विदाई दी. पार्थिव शरीर को जैसे ही मुखाग्नि दी गई, वहां मौजूद हर आंख नम थी. अंतिम संस्कार से पूर्व उन्हें सशस्त्र बलों की टुकड़ी ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया. तिरंगे में लिपटा उनका पार्थिव शरीर जैसे ही नेमरा पहुंचा, गांववासियों की भीड़ उमड़ पड़ी.

नगाड़ों की गूंज और ‘वीर शिबू सोरेन अमर रहें’ के नारों के बीच अंतिम यात्रा निकाली गई. रास्तों और घाट पर इतनी भीड़ थी कि पांव रखने की भी जगह नहीं थी. इस मौके पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, Lok Sabha में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम, पूर्णिया से सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव, टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन सहित विभिन्न दलों के वरिष्ठ नेता उपस्थित थे. पप्पू यादव ने उन्हें संघर्ष का प्रतीक बताते हुए भारत रत्न देने की मांग की.

Monday सुबह 10:45 बजे मोरहाबादी स्थित आवास से अंतिम यात्रा शुरू हुई थी. शव यात्रा पहले झारखंड विधानसभा पहुंची, जहां राजकीय सम्मान के साथ उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. यहां Monday शाम से Tuesday सुबह तक हजारों लोगों ने अंतिम दर्शन किए.

81 वर्षीय शिबू सोरेन का निधन Monday सुबह हुआ था. उनके निधन पर State government ने तीन दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की है.

एसएनसी/एबीएम