देश में दुग्ध उत्पादन एवं भंडार की स्थिति अच्छी : मंत्रालय

नई दिल्ली, 19 दिसंबर . पशुपालन एवं डेयरी विभाग (डीएएचडी) की सचिव अलका उपाध्याय ने गुरुवार को एक समीक्षा बैठक में कहा कि देश में दूध की समग्र स्थिति स्थिर है. उन्होंने कहा कि नवंबर में दूध एवं डेयरी उत्पादों की थोक महंगाई दर तथा खुदरा महंगाई दर क्रमश: 2.09 प्रतिशत और 2.85 प्रतिशत पर रही जो कम है.

अल्का उपाध्याय ने कहा कि स्किम्ड मिल्क पाउडर, होल मिल्क पाउडर, सफेद मक्खन और घी का पर्याप्त स्टॉक है. साथ ही, पिछले साल दूध की खरीद और दूध की खरीद कीमतों में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

उन्होंने बताया कि भारत वित्त वर्ष 2023-24 में लगभग 239.3 मिलियन टन दूध उत्पादन के साथ दुनिया में पहले स्थान पर रहा.

उन्होंने सभी दुग्ध संघों को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मिडडे मील और इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमेंट सर्विसेज (आईसीडीएस) योजना में सक्रिय भागीदारी दिखाने की सलाह दी, क्योंकि ये डेयरी क्षेत्र के लिए सबसे बड़े संस्थागत घरेलू बाजार का प्रतिनिधित्व करते हैं.

बैठक में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी डेयरी संघ के प्रतिनिधियों के साथ-साथ डीएएचडी और देश भर के राज्य सहकारी डेयरी संघों और दुग्ध संघों के अधिकारियों ने भाग लिया.

समीक्षा के दौरान देश में दूध की स्थिति और राज्य दुग्ध संघों द्वारा की जा रही प्रगति पर विस्तार से चर्चा की गई.

अलका उपाध्याय ने जोर दिया कि डेयरी संघों को दूध की खरीद बढ़ाने और किसानों को दिए जाने वाले मूल्य में वृद्धि करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, साथ ही उपभोक्ताओं के हितों पर भी विचार करना चाहिए.

बैठक के दौरान, अमूल (गुजरात), नंदिनी (कर्नाटक), सरस (राजस्थान) और मेघा (झारखंड) जैसे राज्य दुग्ध संघों द्वारा की गई पहल की सराहना की गई और यह सिफारिश की गई कि अन्य संघों को भी इसी तरह के प्रयास करने चाहिए.

डीएएचडी भी मिड डे मील और आईसीडीएस कार्यक्रमों में दूध को शामिल करने को बढ़ावा देने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ लगातार सहयोग कर रहा है.

यह देखा गया कि उत्पादन के अनुरूप प्रोसेस्ड डेयरी की खपत में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

बैठक में दूध की प्रोसेसिंग को वैल्यू एडेड प्रोडक्ट्स में आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक रणनीतियों और पहलों को लेकर विस्तृत चर्चा की गई और इसके बाद, एनडीडीबी द्वारा विस्तृत प्रस्तुतियां दी गईं, जिसमें राज्यों को राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम के तहत परियोजनाओं के वैल्यूएशन के लिए समर्थन की पेशकश की गई.

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